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लखनऊ

विश्व स्वास्थ्य दिवस: उम्र की आखिरी दहलीज पर भी कभी बीपी और शुगर मशीन की नहीं पड़ी जरूरत

World Health Day Theme: भागदौड़ और तनावपूर्ण जिंदगी में युवा अपनी दिनचर्या भूल बैठे हैं। पौष्टिक खाना नहीं बल्कि बाहरी खाने पर निर्भर हैं। वहीं कुछ बुजुर्ग ऐसे हैं जिनके 80-90 साल उम्र हो गई लेकिन आज तक कभी बीपी और शुगर नपवाने की जरूरत नहीं पड़ी। इस साल वर्ल्ड हेल्थ डे की थीम ‘हमारा ग्रह, हमारा स्वास्थ्य (Our planet, our health)’ है।

लखनऊApr 07, 2022 / 10:26 am

Snigdha Singh

World Health Day 2022 Theme and Know About Routine todays Generation

World Health Day 2022 Theme and Know About Routine todays Generation

आज की भागदौड़ भरी जिन्दगी और बदलती जीवन शैली ने सबसे अधिक युवा पीढ़ी को प्रभावित किया है। जीवन में जल्दी से जल्दी बहुत कुछ हासिल कर लेने की चाह ने जहाँ उनके सुकून को छीन लिया है। वहीँ उनके पास न तो सही से खाने का वक्त होता है और न ही सोने का। फास्ट फूड और दिखावे के लिए शराब और सिगरेट का सहारा लेने वाले युवाओं में हृदय रोग, डायबिटीज, कैंसर और हाइपरटेंशन जैसे गैर संचारी रोग अब 30 साल की उम्र में ही शरीर पर कब्ज़ा जमाने लगे हैं। जबकि यह बीमारियाँ पहले 40 साल की उम्र के बाद की मानी जाती थीं। वहीं कुछ बुजुर्ग हैं, जिन्होंने आजतक कभी बीपी-शुगर नहीं नपवाया।
ऐसी परिस्थितियों से लोगों को उबारने के लिए ही हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्थापना दिवस पर 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है, जिसका मूल मकसद लोगों को स्वस्थ जीवन प्रदान करने के लिए जरूरी परामर्श के साथ जागरूक भी करना है। सीएमओ का कहना है कि शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के साथ ही मानसिक रूप से भी स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। इसके लिए जरूरी है कि सही पोषण के साथ ही ध्यान, योग और प्राणायाम को भी जीवन में शामिल किया जाए। शारीरिक श्रम से मुंह मोड़ने का ही नतीजा है कि शरीर बीमारियों का घर बन रहा है। गैर संचारी रोगों से बचने के लिए जरूरी है कि हर रोज कम से कम 45 मिनट तक कड़ी मेहनत व शारीरिक श्रम किया जाए। इससे हृदय रोग और डायबिटीज से शरीर को सुरक्षित बना सकते हैं। इसके अलावा तम्बाकू उत्पादों के सेवन और शराब से नाता तोड़ने में ही सही सेहत के सारे राज छिपे हैं।
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ऐसे भी बुजुर्ग जिनकी बांहों में कभी बीपी मशीन का पट्टा तक नहीं बंधा

खानपान के बिगड़ते असंतुलन से जहां संभवत: कोई भी परिवार ऐसा नहीं है, जिनमें कोई न कोई सदस्य कोई न कोई बीमारी से ग्रसित न हो। मगर अपने बेहतरीन खान पान और जीवन में संतुलन से जिंदगी व्यतीत करने वाले अभी भी ऐसे बुजुर्ग हैं, जिन्होंने उम्र की आखिरी दहलीज पर पहुंचने के बाद भी न तो अभी तक बीपी ही नपवाया और न ही शुगर ही नपवाया है। उनकी फिटनेस को देखकर तो नौजवानों को भी शर्म आती है। 88 साल को महेश कहते हैं कि हमेशा से ही शरीर को लेकर ध्यान रखा। कभी भी खान पान से कोई समझौता नहीं किया।
स्वस्थ जीवन जीने को ये अपनायें

– संतुलित आहार लें, फल व सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं

– नियमित व्यायाम से शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखें

– तनाव मुक्त रहें, कोई दिक्कत हो तो परिवार से शेयर करें
– प्रतिदिन छह से सात घंटे की निद्रा या आराम जरूरी

– वजन को संतुलित रखें

– दिक्कत महसूस हो तो प्रशिक्षित डाक्टर से ही संपर्क करें।

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स्वस्थ रहना है तो क्या न करें

– चीनी व नमक का अधिक इस्तेमाल न करें

– तम्बाकू और शराब का सेवन न करें

– तले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें

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