महिला आरक्षण बिल पर बसपा सुप्रीमों मायावती की आई प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा?
यूपी की सियासत में दिखेगा असर
महिला आरक्षण विधेयक पास होने के बाद यूपी की सियासत में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। दरअसल यूपी विधानसभा में 403 सदस्य हैं। इनमें अभी केवल 48 महिलाएं ही है। उत्तर प्रदेश विधानसभा में केवल 12 फीसदी ही उनकी भागीदारी है। विधान परिषद में उनकी भागीदारी मात्र 6 फीसदी है। वहीं, अगर लोकसभा सीटों की बात करें तो उत्तर प्रदेश में कुल 80 सीटें हैं। इनमें 11 सांसद ही महिलाएं हैं, जो कि महज 14 फीसदी ही महिलाएं प्रतिनिधि है। ऐसे में महिला आरक्षण कानून बनने के बाद उत्तर प्रदेश में महिलाओं की भागेदारी बढ़ेगी। इसके साथ साथ ही विधानसभा, लोकसभा और विधान परिषद में भी महिलाएं की संख्य़ा बढ़ेगी। लोकसभा में 26 सीटें और विधानसभा में 132 सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व हो जाएंगी।
बता दें कि करीब 27 सालों से महिला आरक्षण विधेयक लंबित है। सबसे पहले सितंबर 1996 में एचडी देवगौड़ा की सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक को संसद में पेश किया था। इसके बाद से लगभग हर सरकार ने इस विधेयक को पारित कराने की कोशिश की लेकिन अभी तक यह बिल कानून नहीं बन पाया है। मंगलवार को मोदी सरकार ने फिर इस बिल को संसद के पटल पर पेश किया है। अब अगर लोकसभा से पारित होता है, तो राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा।