गोरखपुर दौरे से पहले नजरबंद नूतन ठाकुर का आरोप है कि 21 अगस्त को उनके पति को गोरखपुर जाने से रोका गया और घर के बाहर पुलिस फोर्स लगाकर उन्हें सपरिवार हाउस अरेस्ट किया गया। अमिताभ ने अब फिर गोरखपुर और अयोध्या दौरे की तैयारी की तो शुक्रवार को पहले उन्हें घर पर नजरबंद किया गया और फिर पूछताछ के बहाने पुलिस जबरन उन्हें हजरतगंज थाने लाई और अब उनकी गिरफ्तारी बताई जा रही है।
प्रथम दृष्टया से दोषी पाए गए थे अमिताभ ठाकुर अमिताभ ठाकुर मामले की जांंच एसआईटी की टीम कर रही है। उन्होंने अपनी प्राथमिक जांच रिपोर्ट में कहा है कि अमिताभ ठाकुर उस समय आईजी के पद पर तैनात थे और जेल में बंद अपराधी सांसद अतुल राय से सांठगांठ कर एक पुलिस जांच रिपोर्ट को पब्लिक डोमेन में डालने के प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाते हैं। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका के बारे में, जांच रिपोर्ट और विभिन्न मुकदमों की विवेचना की स्थिति के बारे में अलग से अंतिम रिपोर्ट दी जाएगी। बता दें कि पीड़िता ने वाराणसी के तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक, प्रयागराज एमपी एमएलए कोर्ट के जज आलोक श्रीवास्तव, अधिकारी वीपी सिंह, सीओ अमरेश सिंह, दरोगा संजय राय, उनके बेटे विवेक राय पर भी आरोप लगाए थे।
दो बार पूछताछ पीड़िता के आरोप के आधार पर दो सदस्यीय एसआईटी टीम ने पूछताछ शुरू कर दी थी। आरोपित अमिताभ ठाकुर से दो बार पूछताछ की गई थी। यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड के डीजी डॉक्टर आरके विश्वकर्मा और एडीजी नीरा रावत को एसआईटी में रखा गया था। एसआईटी ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट में कहा कि अमिताभ ठाकुर एक पुलिस रिपोर्ट को सोशल मीडिया में डालने के संबंध में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। रिपोर्ट में अतुल राय और अमिताभ ठाकुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज विवेचना कराए जाने की संस्तुति की गई है।