scriptUP Assembly Elections 2022: भाजपा को चुनौती देने के लिए कितने तैयार हैं विपक्षी दल | What is the preparation of the opposition to defeat BJP in UP election | Patrika News
लखनऊ

UP Assembly Elections 2022: भाजपा को चुनौती देने के लिए कितने तैयार हैं विपक्षी दल

UP Assembly Elections 2022: उत्तर प्रदेश की सत्ता की सिंघासन पर काबिज बीजेपी होने वाले विधानसभा चुनाव में राष्ट्रवाद, हिंदूत्व, कोरोना काल में योगी मॉडल, सूबे की कानून-व्यवस्था के साथ-साथ बड़े माफियाओं पर की गई कार्रवाई के मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएगी।

लखनऊAug 30, 2021 / 06:19 pm

Nitish Pandey

up.jpeg
लखनऊ. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections 2022) में महज चार-पांच महीने का ही वक्त बचा है। सितंबर के पहले सप्ताह से ही राजनीतिक दलों (Political Parties) की तैयारियां परवान चढ़ने लगेंगी। बीजेपी (BJP) के सामने सत्ता को दोहराने की बड़ी चुनौती है तो वहीं विपक्ष योगी सरकार (Yogi Government) को भ्रष्टाचार (Corruption), कानून-व्यवस्था (Law And Order) समेत कई मुद्दों को घेरने में लगी है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या विपक्ष के पास वो तरीके हैं जिससे वह बीजेपी (BJP) को हराने में सक्षम है, क्योंकि बीजेपी (BJP) की तैयारी हमेशा दूसरी पार्टियों से ज्यादा बेहतर होती है।
यह भी पढ़ें

Shree Krishna Janmashtami 2021: पांच वक्त की नमाज के साथ अफरोज करती हैं कृष्ण की पूजा-आरती

अब भी राम के सहारे बीजेपी

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की सत्ता की सिंघासन पर काबिज बीजेपी (BJP) होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections 2022) में राष्ट्रवाद (Nationalism), हिंदुत्व (Hindutva), कोरोना काल में योगी मॉडल (Yogi Model in Corona), सूबे की कानून-व्यवस्था (Law And Order) के साथ-साथ बड़े माफियाओं पर की गई कार्रवाई के मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएगी। हालांकि ये सारे मुद्दे सरकारी तौर पर देखा जा सकते हैं, यानी की सरकार के काम काज के तौर पर। लेकिन बीजेपी (BJP) के लिए मुख्य मुद्दा इस चुनाव में भी राम मंदिर (Ram Mandir) ही होगा। पहले विपक्षी पार्टियां आरोप लगाती थी कि बीजेपी सिर्फ राम के नाम पर राजनीति कर रही है, मंदिर निर्माण की मंशा उसकी नहीं है। लेकिन अब भाजपा (BJP) के पास विपक्ष को जबाव देने के लिए राम मंदिर निर्माण बड़ा विकल्प है।
किसानों की समस्या पर सरकार को घेरेंगे अखिलेश

वहीं, समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) उत्तर प्रदेश में शिक्षा (Education), बेरोजगारी (Unemployment), मंहगाई (Inflation), स्वास्थ्य (Health) और किसानों की समस्या (Problems of Farmers ) को लेकर चुनावी (Election) मैदान में जाने की तैयारी कर रही है। सपा मुखिया अखिलेश यादव (SP chief Akhilesh Yadav) का कहना है कि सत्ता में आने पर योगी सरकार (Yogi Government) में दर्ज किए गए तथाकथित फर्जी मुकदमों को वापस लेंगे। इसके अलावा सपा ने ब्राह्मण मतदाताओं को मनाने के लिए अपने पांच नेताओं को लगाया है।
2007 के फॉर्मूले पर लौटी बसपा

मायावती (Mayawati) की बहुजन समाज पार्टी (BSP) दोबारा अपने सोशल इंजीनियरिंग के फॉर्मूले पर लौट रही है। जिसकी जिम्मेदारी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद सतीश चंद मिश्रा के कंधों पर है। इसके अलावा बसपा इस चुनाव में ब्राह्मणों के सहारे बड़ा दांव खेलने की तैयारी कर रही है।
प्रियंका की सक्रियता से जगी उम्मीद

उत्तर प्रदेश में अपनी जमीन खो चुकी कांग्रेस (Congress) को अब पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) का ही सहारा है। पिछले दिनों यूपी में प्रियंका गांधी ने अपनी सक्रियता दिखाई थी। जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह देखने को मिल रहा है। प्रियंका ने महिला उत्पीड़न, बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई समेत कई मुद्दों को उठाया था।

Hindi News / Lucknow / UP Assembly Elections 2022: भाजपा को चुनौती देने के लिए कितने तैयार हैं विपक्षी दल

ट्रेंडिंग वीडियो