आखिर क्या है माता जी को घंटा चढाने और बजाने का रहस्य? देखिये तसवीरें!
घंटा बजाना बेहद शुभ माना गया है। यह आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बेहद शुभ है
लखनऊ.आप लखनऊ सुल्तानपुर रोड से गुजरते होंगे तो आपने एक पुल पर लोगों द्वारा घंटा चढ़ाये जाने की रस्म जरूर देखी होगी। बड़ी संख्या में माता के भक्त यहां अपनी मन्नत पूरी होने पर घंटा चढ़ते हैं। नवरात्र के दिनों में तो यहां मेला लगा होता है। इस छोटे से मंदिर में लोगों की बड़ी बड़ी मनोकामना पूरी होती हैं। इस लिए भक्तों ने इस मंदिर का नाम घंटा देवी मंदिर रख दिया है।
स्थानीय निवासी सूर्यभान ने बताया की वह 50 साल से देख रहे हैं की लोग यहां घंटा चढाने आते हैं। एक समय था यह इलाका पूरा जंगल हुआ करता था। लोग जंगल में आकर माता की पूजा करते थे। धीरे धीरे विकास हुआ और अब यहां बनी पुलिया में लोग घंटा चढाने आते हैं।
यह है घंटे का राजपंडित प्रमोद द्विवेदी ने बताया की अक्सर मंदिर में जाते ही हम लोग घंटा बजाते हैं। घंटा बजाना बेहद शुभ माना गया है। यह आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बेहद शुभ है। उन्होंने बताया की घंटा बजने से ईश्वर की अनुभूति होती है और इसकी ध्वनि से जो कम्पन पैदा होता है वह हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। घंटी की आवाज से हमारे दिमाग से बुरे विचार हट जाते हैं। मन में अच्छे विचार आते हैं। इसके पीछे ऋषियों का नाद विज्ञान है। पुरातत्व काल से ही मंदिरों में घंटियां लगाई जाती हैं। सुबह शाम मंदिरों में पूजा के समय घंटियां बजती हैं। इससे वातावरण शुद्ध होता है। पुराणों में लिखा है की घंटियां बजाने से पाप दूर होते हैं। माना जाता है जब सृस्टि का निर्माण हुआ था तब जो आवाज निकली थी वह घंटे की आवाज से मिलती है। घंटे को काल का प्रतीक माना गया है। स्कन्द पुराण में लिखा है की घंटा बजाने से मनुष्य के 100 जन्मों का पाप दूर होता है। घंटा बजता है तो घंटे की आवाज से जो कम्पन्न होता है उसकी सीमा में आने वाले जीवाणु और विषाणु नष्ट हो जाते हैं। इसी लिए मंदिरों में घंटा चढाने और बजाने की मान्यता प्राचीन काल से चली आ रही है। Hindi News / Lucknow / आखिर क्या है माता जी को घंटा चढाने और बजाने का रहस्य? देखिये तसवीरें!