Quick Read: पंचायत चुनाव का परिणाम आने के बाद परिवार पर हमला, बहू-बेटी को लाठी डंडे से पीटा
चुनावी रंजिश में परिवार पर हमलाकानपुर. बिधनू विकासखंड में पंचायत चुनाव का परिणाम आने के दूसरे दिन से हार की खुन्नस में मारपीट की घटनाएं शुरू हो गई। मंगलवार दोपहर सेन पूरब पारा में हारे हुए प्रत्याशी ने प्रतिद्वंदी प्रत्याशी के घर में घुसकर परिवार को लाठी डंडों से पीटा। सेनपूरब पारा गांव में प्रधान पद के प्रत्याशी के रूप में दयालू सिंह व शिवकुमार साहू आमने सामने खड़े हुए थे। दोनों प्रत्याशी चुनाव हार गए और मजरा ओरछी गांव के प्रत्याशी रामनरेश सिंह चुनाव जीत गए। आरोप है कि हार की खुन्नस में मंगलवार सुबह दयालू अपने समर्थकों के साथ शिवकुमार के घर में घुस गए और अभद्रता से बात करने लगे। कहने लगे कि अगर तुम चुनाव न लड़ते तो वह चुनाव जीत जाते। विरोध करने पर दयालू ने समर्थकों संग शिवकुमार को पीटना शुरू कर दिया। बीच बचाव करने आये पत्नी, बेटी और बेटों को भी लाठी डंडों और लात घूंसों से पीटा। साथ ही गांव छोड़कर जाने की धमकी दी। पीड़ित परिवार ने आरोपितों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है।
ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी करने वाले दो गिरफ्तारलखनऊ. लखनऊ के गुड़ंबा थाने की पुलिस ने देर रात क्राइम ब्रांच की मदद से ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 81 सिलेंडर और एक लाख रुपये से अधिक की नकदी बरामद हुई है। इंस्पेक्टर फरीद अहमद के मुताबिक सूचना के बाद विश्वजीत गुप्ता और विकास कुमार को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पता चला कि विश्वजीत की ऑक्सीजन सप्लाई की एजेंसी है। कोरोना संक्रमण में ऑक्सीजन की किल्लत शुरू होने पर दोनों होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के तीमारदारों को मुंह मांगी कीमत पर सिलेंडर बेच रहे थे। बड़े सिलेंडर के आरोपी 32 हजार रुपये तक वसूलते थे। दोनों के पास से छोटे-बड़े कुल 81 सिलेंडर बरामद हुए हैं। दोनों के खिलाफ महामारी अधिनियम, साजिश रचने और कालाबाजारी का केस हुआ है।
अनियंत्रित होकर पलटी पिकअप, दो की मौतरायबरेली. रायबरेली में अनियंत्रित होकर पिकअप अचानक पलट गई। डलमऊ कोतवाली क्षेत्र के केटौली मजरे रौंसी गांव में मंगलवार की सुबह सूरजबली का लम्बी बीमारी के कारण निधन हो गया। परिवारजन व ग्रामीण शव को अंतिम संस्कार के लिए पिकअप से डलमऊ स्थित श्मशानघाट ले आए। अंतिम संस्कार कर वापस लौटते समय वाहन तेरुखा गांव मोड के निकट भट्ठे के समीप अचानक पलट गया। नीचे दबने के कारण राम बहादुर व सुंदरलाल की मौके पर ही मौत हो गई। शिव शंकर, रमेश कुमार, संतोष व मो अबरार गम्भीर रूप से घायल हो गए। चीख-पुकार सुनकर दौड़े स्थानीय लोगों ने आनन-फानन घायलों को बाहर निकाला व घटना की सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डलमऊ में भर्ती कराया। डलमऊ कोतवाली प्रभारी राजेश सिंह ने कहा कि हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि चार घायल हो गए। शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। तहरीर मिलने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
प्रधान और पूर्व प्रधान समर्थकों में जमकर मारपीटरायबरेली. रायबरेली के शिवगढ़ थाने के कोटवा गांव में प्रधान व पूर्व प्रधान समर्थकों में गोले दागने को लेकर पहले कहासुनी फिर जमकर बवाल हो गया जिसमें दर्जनों घायल हो गए। कोटवा गांव में नए चुने गए प्रधान अनिल यादव अपने समर्थकों के साथ भैसासुर महादेव मंदिर पर प्रसाद चढ़ाने के बाद घर लौट रहे थे। जैसे ही गांव के पूर्व प्रधान विनोद सिंह के दरवाजे पहुंचे कि पहले से घात लगाए बैठे पूर्व प्रधान और उनके भाइयों आदि दर्जनों लोगों ने प्रधान अनिल यादव और उनके समर्थकों पर हमला बोल दिया l हमले में उनके पक्ष के लगभग आधा दर्जन लोग घायल हो गए l सूचना पर पहुंची शिवगढ़ थाने की पुलिस ने स्थिति को कंट्रोल करने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो पाए बवाल बढ़ता देख पुलिस के उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई। आनन-फानन मौके पर कई थानों की फोर्स ने पहुंच गई स्थिति को नियंत्रण में किया और सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया। ऐतिहातन गांव मे भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है।
गोरखपुर डिपो के 200 चालक और परिचालक छुट्टी परगोरखपुर. रोडवेज की बसों के संचालन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। आधे से अधिक चालक और परिचालक गायब हैं। कुछ संक्रमित हैं तो कुछ स्वजन के इलाज आदि के लिए ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं। पिछले सप्ताह तक बसों के पंचायत चुनाव में लग जाने के चलते दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और पंजाब से आने वाले पूर्वांचल के प्रवासियों को परेशानी उठानी पड़ी। अब चालकों और परिचालकों की कमी के चलते मुश्किल खड़ी हो गई हैं। आलम यह है कि गोरखपुर बस डिपो के 375 चालक और परिचालक में लगभग 200 ड्यूटी नहीं आ रहे हैं। चुनाव में लगातार ड्यूटी के बाद अधिकतर चालक- परिचालक संक्रमित हो गए हैं। कुछ के स्वजन संक्रमित हैं। ऐसे में चुनाव समाप्त होते ही वे डिपो परिसर में बसें खड़ी कर घर के लिए चल दिए हैं। परिवहन निगम के अधिकारियों के बुलाने पर भी वापस नहीं आ रहे। ऐसे में परिवहन निगम प्रशासन ने सभी चालकों और परिचालकों की छुट्टियां निरस्त कर दी हैं।