स्मार्ट सिटी के प्रथम चरण में उत्तर प्रदेश के 102 शहरों को शामिल किया गया। इस शहरों में सबसे पहले पार्किंग और स्मार्ट सड़क की सुविधाएं दी जाएंगी। अब अवैध स्टैंड से मुक्ति मिलेगी। इसके साथ ही स्मार्ट हेल्थ एटीएम, स्ट्रीट लाइट ऑटोमेशन, प्लेस मेकिंग, पब्लिक बाइसिकल शेयरिंग और सोलर ट्री एंड स्मार्ट सोलर बेंच की व्यवस्था की जाएगी। सरकार बिजली की बचत करके सोलर को बढ़ावा देगी है। इससे खर्च में कमी आएगी।
इस वित्तीय वर्ष में स्मार्ट सिटी परियोजना वाले इन ‘अमृत शहर’ में बजट की हिस्सेदारी होगी। इसमें सरकार और निकायों दोनों की भूमिका होगी। अधिकारियों के अनुसार इसमें 60 फीसदी सरकार मदद करेगी और 40 फीसदी निकायों को स्वयं देना होगा। नगर पालिका परिषदों में 75-25 और नगर पंचायतों में 90-10 फीसदी की हिस्सेदारी होगी। इसका बजट केंद्रीय और राज्य वित्त आयोग से दिया जाएगा।
नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। पहले चरण में लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़, सहारनपुर, झांसी, गाजियाबाद, मेरठ, मथुरा, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर, अयोध्या और गोरखपुर स्मार्ट बनाया जाएगा। इनमे से कुछ शहर ऐसे हैं, जिनमें पहले से ही स्मार्ट सिटी के तहत काम चल रहा है।