बदलते मौसम के साथ बिगड़ी आबोहवा, सांस के रोगियों के लिए तकलीफदेह
UP Weather Forecast and Increase in Pollution after Diwali- उत्तर प्रदेश में मौसम तेजी से बदल रहा है। सर्द हवाओं के कारण रात का पारा गिरता जा रहा है। मौसम विभाग का अनुमान है कि दिवाली के बाद ठंड बढ़ जाएगी। इस साल यूपी में कड़ाके की ठंड का अनुमान जताया गया है।
UP Weather Forecast and Increase in Pollution after Diwali
लखनऊ. UP Weather Forecast and Increase in Pollution after Diwali. उत्तर प्रदेश में मौसम (UP Weather) तेजी से बदल रहा है। सर्द हवाओं के कारण रात का पारा गिरता जा रहा है। मौसम विभाग का अनुमान है कि दिवाली (Diwali) के बाद ठंड बढ़ जाएगी। इस साल यूपी में कड़ाके की ठंड का अनुमान जताया गया है। स्थानीय मौसम विभाग निदेशक जेपी गुप्ता का कहना है कि ला नीना के प्रभाव से उत्तर प्रदेश में इस बार अत्यधिक ठंड पड़ेगी। अगले दो से तीन दिनों में हवा की दिशा उत्तर पश्चिम में बदलने के साथ पारा और गिर सकता है। उत्तर पश्चिमी हवाएं ठंडी होती हैं और हिमालय से मैदानी इलाकों की ओर चलती है। जेपी गुप्ता के अनुसार, अगले तीन दिनों में न्यूनतम पारा 13 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। उधर, मौसम में परिवर्तन के साथ ही उत्तर प्रदेश के कमोबेश हर जिले में वायु प्रदूषण की गुणवत्ता खराब श्रेणी में चली गई है।
गुलाबी ठंड के बाद बढ़ने लगी ठंड यूपी में सुबह शाम ठंड बढ़ने लगी है। वर्तमान में राजधानी लखनऊ का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस है। सुबह में आंशिक रूप से बादल के छाए रहने का अनुमान है। लेकिन धीरे-धीरे मौसम साफ हो जाएगा।
वाराणसी में शुक्रवार का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस है। यहां भी आंशिक रूप से बादल के छाए रहेंगे लेकिन रात तक मौसम साफ हो जाएगा। लखनऊ की तरह ही वाराणसी की वायु गुणवत्ता भी खराब स्तर पर है और एक्यूआई 269 दर्ज किया गया है।
दिवाली के बाद बढ़ा एक्यूआई दिवाली के दिन आतिशबाजी के अगले दिन यूपी के कई शहरों की हवा बिगड़ गई है। कोविड के दो साल बाद भी त्योहार पर पहले जैसे रौनक बनी रही। लोगों ने दिल खोल कर पटाखे जलाए। पटाखे जलाने के कारण हवा में उड़ने वाले धुएं के कारण राजधानी लखनऊ सहित कई शहरों की आबोहवा प्रभावित हुई है। राज्य सरकार ने ईको फ्रेंडली पटाखे जलाने और बेचने की अनुमति दी थी लेकिन इसके बाद भी तमाम शहरों का एक्यूआई औसत से कई गुना बढ़ गया है।
दिवाली के अगले दिन लखनऊ का एक्यूआई 357 दर्ज किया गया है। यूपी के टॉप 10 प्रदूषित शहरों में बुलंदशहर सबसे ऊपर है। यहां का एक्यूआई 416 दर्ज किया गया है। इसके बाद कानपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 410, अलीगढ़ का 395, फतेहपुर का 383, हाथरस का 377, वृंदावन का 375, बहराइच का 367 दर्ज किया गया है। इसी तरह संगमनगरी प्रयागराज का एक्यूआई सबसे कम 211 दर्ज किया गया।
एक्यूआई से समझें गुणवत्ता का स्तर – 0 से 50:- अच्छी श्रेणी – 51 से 100:- संतोषजनक श्रेणी – 101 से 200:- मध्यम श्रेणी – 201 से 300:- खराब श्रेणी – 301 से 400:- बहुत खराब श्रेणी – 401 से 500:- गंभीर श्रेणी
सांस रोगियों के लिए तकलीफदेह सर्दी का मौसम सांस के मरीजों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता है। इस मौसम में निमोनिया, फ्लू, अस्थमा, और सी.ओ.पी.डी. के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। ठंड बढ़ने के कारण सांस की नली सिकुड़ती है, इससे सांस लेने में परेशानी होती है। छोटे बच्चों/बुजुर्गों में इम्युनिटी कमजोर होने के कारण सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। सर्दी का मौसम कुछ खास विषाणुओं को भी सक्रिय कर देता है। जिससे नाक, गले की एलर्जी व वायरल संक्रमण के मामले भी बढ़ जाते हैं। जटिल रोग जैसे दमा, सी.ओ.पी.डी., डायबिटीज, हृदय रोग से ग्रसित लोगों में फ्लू की समस्या गंभीर रूप ले सकती है। इन गंभीरताओं में हार्ट-अटैक, मल्टिपल आर्गन फेल्योर जैसी स्थितियां भी शामिल हैं। सर्दी-खांसी से जूझ रहे लोगों को भी विशेष तौर पर ध्यान देना चाहिए।