एक अप्रैल से नए एकेडेमिक ईयर की शुरुआत हो रही है। बेसिक शिक्षा परिषद ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। अब सभी स्कूलों को इस आदेश को मानना होगा। स्कूलों को हर स्टूडेंट की कॉपियों को जांच कर उसके आधार पर मिले नंबर के जरिए रिपोर्ट कार्ड तैयार करना होगा और उसे स्टूडेंट्स को देना होगा।
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बिना एग्जाम दिए या फेल होने पर भी अगली क्लास में प्रमोट किए जाने का लाभ उन्हीं छात्रों को मिलेगा, जो उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के तहत संचालित होने वाले परिषदीय विद्यालयों और मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं।आरिफ से सारस को क्यों किया गया दूर, जानिए क्या है वन्य जीवन संरक्षण अधिनियम?
नहीं किया जा सकता है किसी भी बच्चे को फेलयूपी बेसिक शिक्षा परिषद के इस फैसले का लाभ उन लाखों छात्रों को मिलेगा, जो पहली से लेकर आठवीं क्लास तक में पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल शिक्षा के महानिदेशक विजय किरण आनंद ने बताया, “राज्य में नोट रिटेंशन पॉलिसी को लागू किया गया है। इस पॉलिसी में साफ तौर पर कहा गया है कि किसी भी बच्चे को फेल नहीं किया जा सकता है। वर्तमान आदेश को इसी के तहत लागू किया जाता है।
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ने राज्य के स्कूलों को 31 मार्च, 2023 तक कक्षा 1 से 8 तक के वार्षिक परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया है। फरवरी में विभाग की तरफ एक नोटिफिकेशन भी जारी किया गया था। जिसमें कहा गया था कि कक्षा 1 से 8वीं तक का वार्षिक रिजल्ट हर हाल में 31 मार्च तक जारी कर दिया जाए। आज क्लास 1 से 8वीं तक का रिजल्ट जारी होगा।