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लखनऊ

चार महीने बाद खुले स्कूल तो तिलक-ताली और फूलों से हुआ स्वागत, क्या कोरोना का खतरा टल गया, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

– दो शिफ्ट में चलेंगे स्कूल, सिर्फ पांच दिन ही खुले रहेंगे स्कूल
– स्कूल खोलने पर मेडिकल एक्सपर्ट की राय, नियमित समीक्षा जरूरी
– ऑनलाइन पढ़ाई क्यों संभव नहीं, क्या क्लास में जाना जरूरी है
– यूपी में क्या कोरोना का खतरा टल गया

लखनऊAug 16, 2021 / 03:45 pm

नितिन श्रीवास्तव

चार महीने बाद खुले स्कूल, थर्मल स्क्रीनिंग के बाद प्रवेश, तिलक-ताली और फूलों से हुआ स्वागत

चार महीने बाद खुले स्कूल, थर्मल स्क्रीनिंग के बाद प्रवेश, तिलक-ताली और फूलों से हुआ स्वागत

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में चार महीने बाद सोमवार से छात्रों की 50 फीसदी उपस्थिति के साथ स्कूल खुले। इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पूरा पालन भी कराया गया। थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन के बाद ही छात्रों को स्कूल में प्रवेश दिया गया। वहीं इस दौरान राजधानी लखनऊ, आगरा समेत दूसरे शहरों में छात्रों का तिलक, ताली और फूलों से स्वागत किया और फिर स्कूल में दाखिल कराया। लखनऊ में कानपुर रोड स्थित अवध कॉलेजिएट में छात्र पहुंचे तो उनका फूलों से स्वागत किया गया। शिक्षकों ने चॉकलेट देकर वेलकम किया। आपको बता दें कि कक्षा 9 से 12 तक दो पारियों में कक्षाएं चलाई गईं। लखनऊ के इंदिरा नगर के सी ब्लॉक स्थित आरएलबी स्कूल में भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कक्षाएं शुरू की गई हैं। हालांकि पहले दिन विद्यालयों में छात्रों की संख्या कम रही है। विद्यालयों में 20 से 30 प्रतिशत छात्र पहुंचे, लेकिन आने वाले दिनों में यह संख्या बढ़ना तय माना जा रहा है।
चार महीनों के बाद खुले स्कूल

दरअसल प्रदेश में अप्रैल से लॉकडाउन के दौरान सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया था। इसके बाद अब चार महीनों बाद सभी स्कूल कक्षा 9 से 12 तक की कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए खोले गए हैं। विद्यालय सप्ताह में 5 दिन चलेंगे। शनिवार और रविवार को विशेष सैनिटाइजेशन का कार्य होगा। स्कूलों में खासतौर पर बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए तमाम तरह की व्यवस्था की गई हैं। कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य किया गया है। जिससे कि कोरोना संक्रमण से बचाव के साथ-साथ बच्चों का भविष्य भी बचाया जा सके। विद्यालय खुलने से पहले विद्यालय की साफ-सफाई और सैनिटाइजेशन का पूरा कार्य कराया गया। विद्यालय में आने वाले छात्रों सहित विद्यालय कर्मचारी, प्रबंधन और शिक्षकों को मास्क भी दिया गया। इस दौरान कोविड गाइडलाइन का पालन कराने हेतु जिला प्रशासन की टीम और जिला विद्यालय निरीक्षक खुद लगातार विद्यालयों का दौरा करेंगे। यही नहीं शासन द्वारा नामित अधिकारी भी विद्यालयों का दौरा करेंगे।
क्या है विशेषज्ञों की राय

वहीं प्रदेश सरकार के स्कूल खोलने के निर्णय पर कुछ विशेषज्ञों का तो कहना है कि यह सही निर्णय है। देश भर के बच्चों में सिरो पॉजिटिविटी की दर भी 80 फीसदी से ज्यादा है। प्रोटेक्टिव एंटीबॉडीज की संख्या भी पर्याप्त है। हमें यह भी देखना होगा कि महीनों से बच्चों की पढ़ाई में गैप हो रहा है। क्लास रुम टीचिंग का अपना महत्व है। बहुत ज्यादा दिनों तक ऑनलाइन पढ़ाई संभव नहीं है। अभी की दशा में यह कदम बेहद जरुरी भी नजर आता है, इसलिए निर्णय में कमी नहीं है। हालांकि कई एक्सपर्ट हर दूसरे सप्ताह रिव्यू करने की बात कह रहे हैं। उनका कहना है कि यूपी में कोविड केस लोवर काउंट में है पर फ्लकचुएट कर रहे है। इसको देखते हुए ऐहतियात जरुरी है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक अभी कोरोना का खतरा टला नहीं है। हालात को देखते हुए यूपी में कोरोना की तीसरी लहर करीब 45 दिन बाद यानी अक्टूबर के पहले सप्ताह में आ सकती है। कुछ फैक्टर्स ऐसे है जो इस पर प्रभाव डालते है इसीलिए कोरोना से बचाव का तरीका कोविड एप्रोप्रियेट बेहवियर ही है। इसमें मास्क,सोशल डिस्टनसिंग, सैनिटाइजेशन और वैक्सीनेशन अहम है। फिलहाल यूपी में कोविड केस लोवर काउंट में है पर फ्लकचुएट कर रहे हैं। इसको देखते हुए ऐहतियात ही उपाय है।

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