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इसके साथ ही समझाने के बाद भी नियमों का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। बता दें कि प्रदेश में शादी विवाह के कार्यक्रम भी चल रहे है। ऐसी स्थिति में पुलिस के लिए इसे लागू करना बहुत बड़ी चुनौती होगी। हालांकि पुलिस ने दावा किया है कि बच्चों की पढ़ाई के लिए चाहे बैंड-बाजा हो या अन्य शोरगुल, पुलिस इसे बंद करा कर ही रहेगी और निर्धारित मानक से अधिक आवाज होने पर यूपी पुलिस द्वारा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
छात्र ऐसे ले सकते हैं मदद
अगर किसी छात्र को तेज आवाज के कारण पढ़ाई में परेशानी हो रही है तो वह 112 पर कॉल कर सकता है या सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों से पुलिस से सहायता ले सकता है। ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ ये अभियान पूरे प्रदेश में एक साथ चलाया जाएगा। 112 पर कॉल आते ही शिकायत दर्ज कर पुलिस रिस्पांस व्हीकल (PRV) को तत्काल मौके पर भेजा जाएगा। पीआरवी मौके पर जाकर ध्वनि प्रदूषण को बंद करने के लिए निर्देश देगी। उसे चेतावनी देकर छोड़ा जा सकता है, लेकिन ऐसे लोग और संस्थाएं जो निर्देश के बाद भी ध्वनि प्रदूषण फैलाते हुए बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान पैदा करेंगे तो उनके खिलाफ संबंधित थाना स्तर पर कार्रवाई की जाएगी।
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इस मामले में डीजीपी का कहना है कि अभियान से ध्वनि प्रदूषण को लेकर जागरूकता बढ़ेगी। प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य प्रदूषणरहित बेहतर जीवन शैली को बढ़ावा देना है। हम आशा करते हैं कि अभियान की अवधि की समाप्ति तक जागरूकता बढ़ जाएगी। ध्वनि प्रदूषण करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई होती रहेगी।