– मेरठ मंडल विधान परिषद की शिक्षक सीट पर भी बीजेपी के उम्मीदवार चंद्र शर्मा ने जीत हासिल की। उन्होंने लगातार 8 बार से विधान परिषद सदस्य रहे ओम प्रकाश शर्मा को मात दी।
– वाराणसी में शिक्षक एमएलसी चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी लाल बिहारी यादव आगे दिख रहे हैं। – गोरखपुर-फैजाबाद मंडल विधान परिषद की शिक्षक सीट पर शर्मा गुट के प्रत्याशी ध्रुव कुमार त्रिपाठी काउंटिंग में आगे दिखे।
– आगरा विधान परिषद की शिक्षक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी डा० आकाश अग्रवाल जीतते हुए दिख रहे हैं। विधान परिषद में लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ व इलाहाबाद-झांसी खंड स्नातक के अलावा लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ, बरेली-मुरादाबाद व गोरखपुर-फैजाबाद खंड शिक्षक सीट के लिए मतदान एक दिसंबर को हुआ था। लखनऊ, आगरा, वाराणसी व मेरठ में शिक्षक व स्नातक कोटे की दो-दो सीटों की मतगणना हुई। इलाहाबाद-झांसी खंड स्नातक सीट की मतगणना झांसी, बरेली-मुरादाबाद खंड शिक्षक सीट की मतगणना बरेली में व गाेरखपुर-फैजाबाद खंड शिक्षक सीट की मतगणना गोरखपुर में हुई।
छह राज्यों में हैं विधान परिषद का अस्तित्व :— उत्तर प्रदेश सहित पांच अन्य राज्यों में विधान परिषद (एमएलसी) का अस्तित्व है। इसे शिक्षक और स्नातक क्षेत्र के चुनाव भी कहा जाता है। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश (100 सीटें), महाराष्ट्र (78 सीटें), कर्नाटक (75 सीटें), बिहार (58 सीटें) और तेलंगाना (40 सीटें) शामिल है। शिक्षकों और स्नातकों के कोटे से चुने गए एमएलसी के पास भी विधायक जितनी शक्तियां होती हैं। विधान परिषद सदस्य का कार्यकाल छह साल का होता है।
यूपी विधान परिषद में 100 सीटें :— यूपी विधानसभा में 403 सदस्य हैं। विधान परिषद में विधानसभा के एक-तिहाई से अधिक सदस्य नहीं हो सकते हैं लेकिन इनकी संख्या 40 से कम भी नहीं होनी चाहिए। चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम 30 साल उम्र होनी चाहिए। यूपी विधान परिषद में 100 सीटें हैं। एक तिहाई मतलब 38 सदस्यों को विधायक चुनते हैं। 36 सदस्यों को नगर निगम, नगरपालिका, जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत के सदस्य चुनते हैं। वहीं, आठ सदस्यों को शिक्षक और आठ सदस्यों को रजिस्टर्ड स्नातक चुनते हैं। 10 मनोनीत सदस्यों को राज्यपाल नॉमिनेट करते हैं। हाईस्कूल के शिक्षक, प्रधानाचार्य और कॉलेज के प्रोफेसर चुनाव लड़ सकते हैं। चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम उम्र सीमा 30 साल है।
तीन साल पढ़ाने का अनुभव जरूरी :— एमएलसी चुनाव में हाईस्कूल और उसके ऊपर पढ़ाने वाले शिक्षक वोट डाल सकते हैं। इसमें मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के शिक्षक भी शामिल हैं। मतदाता बनने के लिए तीन साल पढ़ाने का अनुभव और उसका प्रमाण पत्र जरूरी है। तभी नाम मतदाता सूची शामिल होगा।
स्नातक के तीन साल बाद जुड़ेगा मतदाता सूची में नाम :— स्नातक निर्वाचन सीट के लिए स्नातक करने के तीन साल बाद ही मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए आवेदन किया जा सकता है। मतदाता बनने की बाकी सारी प्रक्रिया शिक्षक निर्वाचन की तरह ही होती है। स्नातक निर्वाचन एमएलएसी चुनाव में वही वोट दे सकता है, जो स्नातक हो। इस चुनाव में प्रत्याशी का भी स्नातक होना जरूरी है।