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क्या है शीतलहर का अलर्ट?शीतलहर तब घोषित की जाती है जब न्यूनतम तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री या उससे अधिक गिर जाता है। पश्चिमी यूपी में इस समय ठंडी हवाएं चल रही हैं, जो तापमान में अचानक गिरावट का कारण बन रही हैं। अगले दो दिनों तक यह स्थिति और गंभीर हो सकती है।
अयोध्या जो प्रदेश का सबसे ठंडा शहर बन चुका है, वहां की स्थिति बेहद चिंताजनक है। यहां के निवासी ठंड से बचने के लिए अलाव और हीटर का सहारा ले रहे हैं। वहीं नजीबाबाद में भी लोग सुबह और रात के समय घरों में ही रहना पसंद कर रहे हैं।
मेरठ और मुजफ्फरनगर जैसे शहरों में भी तापमान तेजी से गिर रहा है। सुबह और देर रात के समय सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। सरकारी अस्पतालों और निजी क्लीनिकों में ठंड के कारण बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है।
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ठंड से बचाव के उपाय
शीतलहर के इस दौर में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ठंड से बचने के लिए कुछ खास एहतियात बरतने की सलाह दी है: गर्म कपड़े पहनें और शरीर को पूरी तरह ढककर रखें। घर से बाहर निकलने पर टोपी, मफलर और दस्ताने का इस्तेमाल करें। अलाव या हीटर का उपयोग करें, लेकिन वेंटिलेशन का ध्यान रखें। गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें। बुजुर्ग, बच्चे और गर्भवती महिलाएं ज्यादा सावधानी बरतें।मौसम विज्ञानियों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ और उत्तरी हवाओं के कारण तापमान में गिरावट हो रही है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के चलते मैदानों में ठंडी हवाएं आ रही हैं, जिससे ठंड का असर और भी ज्यादा महसूस हो रहा है।
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सरकार और प्रशासन की तैयारीशीतलहर के प्रभाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने अलाव और रैन बसेरों की व्यवस्था तेज कर दी है। जिले के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। इसके अलावा, रैन बसेरों में कंबल और भोजन की व्यवस्था का जायजा लिया जा रहा है।
शहरी इलाकों में तो ठंड से बचने के उपाय मौजूद हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में स्थिति काफी गंभीर है। खुले में सोने वाले और दिनभर काम करने वाले मजदूरों के लिए यह मौसम बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। बिजली की अनियमित आपूर्ति और जलाने के लिए लकड़ी की कमी ने लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
शीतलहर के कारण स्वास्थ्य समस्याएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। खासतौर पर निमोनिया, ब्रोंकाइटिस और हाइपोथर्मिया जैसे मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। डॉक्टरों ने ठंड में बाहर कम निकलने और गर्माहट बनाए रखने की सलाह दी है।
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सर्दी का असर फसलों पर भीपश्चिमी यूपी की ठंड का असर किसानों की फसलों पर भी पड़ रहा है। आलू, गेंहू और सरसों जैसी फसलों के लिए यह मौसम फायदेमंद हो सकता है, लेकिन ज्यादा ठंड से नुकसान की भी संभावना है। किसान फसलों को पाले से बचाने के लिए सिंचाई का सहारा ले रहे हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 48 घंटे ठंड के मामले में निर्णायक हो सकते हैं। न्यूनतम तापमान में और गिरावट की संभावना है। हालांकि, इसके बाद हल्की राहत मिलने की उम्मीद है।