कुंभ के बाद अब वृक्ष महाकुंभ, योगी की निगाह वर्ल्ड रिकार्ड पर
धूमधाम से मनाई जाएगी श्रीकृष्ण जन्माष्टमीरामनगरी में दीपोत्सव के बाद अब योगी सरकार कृष्णनगरी मथुरा में भव्य श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने जा रही है। इसके लिए मंदिरों, घरों और सड़कों सहित पूरे मथुरा में रोशनी के लिए रंगीन एलईडी लाइट लगाई जाएंगी। अयोध्या के दीपोत्सव, काशी की देव-दीपावली, विंध्याचल की नवरात्रि और पुरी की जगन्नाथ यात्रा की तर्ज पर आयोजन की तैयारी है। सरकार का कहना है कि त्यौहारों को भव्य तरीके से मनाने से देश-दुनिया के पर्यटक यहां खिंचे चले आएंगे, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इतना ही नहीं स्थानीय स्तर पर लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा।
मथुरा के गोवर्धन धाम में मुड़िया पूर्णिमा मेले में श्रद्धालुओं को हेलिकॉप्टर से गिरिराज गोवर्धन की परिक्रमा करने की सुविधा मिलेगी। 13 जुलाई से शुरू होने वाले मुड़िया पूर्णिमा मेल के दौरान उन श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी जो 21 कोसीय परिक्रमा करने में खुद को असहज मसूसर करते हैं। परिक्रमा के बदले यूपी राज्य पर्यटन निगमश्रद्धालुओं से तीन हजार रुपए प्रति यात्री किराया लेगा। गौरतलब है कि गोवर्धन पर्वत की 21 कोसी परिक्रमा हेलिकॉप्टर से कराने का ट्रायल पर्यटन निगम ने 2017 में किया था। इस साल से हवाई परिक्रमा सुविधा शुरू कर दी गई है।
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वृंदावन में बनेगा सौभरि वन क्षेत्रराज्य सरकर भगवान कृष्ण की लीला स्थली वृंदावन में 400 एकड़ में वन क्षेत्र करने जा रही है। पौधरोपण व वन तैयार करने की जिम्मेदारी वन विभाग को दी गई है। प्रतिपूर्ति वनीकरण योजना के तहत पीडब्ल्यूडी ने 17.46 करोड़ रुपये दिये हैं। यह क्षेत्र ऋषि सौभरि के आश्रमस्थल के इर्द-गिर्द है, इसलिए इसका नाम उन्हीं के नाम (सौभरि वन क्षेत्र) पर करने का फैसला लिया गया है। पौराणिक मान्यताओं को ध्यान में रखकर विकसित हो रहे इस क्षेत्र में कदंब, पाकड़, बरगद, गूलर, नीम, जामुन, अमलतास, शीशम, बेल, आम, बेर, सहजन और सुबबुल के पौधे लगाये जाएंगे। वन क्षेत्र में बंदरों को भोजन मुहैया कराने के लिए फलदार पौधे लगाये जा रहे हैं। द्वापर युग में वृंदावन के इस वन में श्रीकृष्ण ग्वालों के साथ गाय चराने जाते थे। पुराणों में इसे बारह वन कहा गया है। श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं को याद करने के लिए सौभरि वन को उसी संकल्पना के आधार पर विकसित करने की तैयारी है।
सावन महीने के हर सोमवार को पांच क्विंटल फूल-माला से काशी विश्वनाथ का दरबार भव्य तरीके से सजाया जाएगा। सजावट में बेला, गुलाब और गेंदा के फूलों के साथ ही अशोक की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाएगा। बैरिकेडिंग से लेकर मंदिर के अंदर तक रेड कारपेट बिछाई जाएगी, ताकि भक्तों का पैर न जले। 17 जुलाई से शुरू हो रहे सावन महीने में प्रथम सोमवार 22 जुलाई, दूसरा 29 जुलाई, तीसरा 05 अगस्त को और अंतिम सोमवार 12 अगस्त को पड़ेगा। इसी तरह रक्षाबंधन पर भी बाबा विश्वनाथ के मंदिर को सजाने की खास तैयारी की गई है।
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हेलिकॉप्टर से कांवड़ियों पर बरसेंगे फूल, एटीएस करेगी निगरानीयोगी सरकार इस बार सावन महीने में होने वाली कांवड़ यात्रा को भव्य तरीके से आयोजित करने जा रही है। कांवडियों के यात्रा मार्ग में सरकार ने जहां शराब की बिक्री और बूचड़खानों के संचालन पर प्रतिबंध लगा रखा है, वहीं कांवड़ मार्ग को साफ करने और श्रद्घालुओं पर हेलिकॉप्टर से फूल बरसाने के भी आदेश दिए गए हैं। इस दौरान सुरक्षा-व्यवस्था भी चाक चौबंद रहेगी। सावन मेले के दौरान शिवभक्तों की निगरानी एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड के कमांडर हेलिकॉप्टर से करेंगे। 17 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों के ट्रैफिक जाम की समस्या से भी दो-चार न होना पड़े। इसकी भी व्यवस्था की गई है। कांवड़ यात्रा 17 जुलाई से 15 अगस्त तक चलेगी। इस दौरान कांवड़िये अयोध्या, काशी, लखीमपुर के गोला गोरकरणनाथ, बाराबंकी के रामनगर महादेवा, अंबेडकरनगर में शिवबाबा, टांडा में झारखंडी मंदिर सहित अन्य शिवालयों पर भारी संख्या में पहुंचते हैं और भगवान भूतभावन का जलाभिषेक करते हैं। इसी दौरान 03 अगस्त से 15 अगस्त तक सावन मेला भी चलता है। सहारनपुर सहित कई स्थानों पर कांवड़ मेले की ड्रोन कैमरे से भी निगरानी होगी।