इस बार का बजट पहले की तुलना में ज्यादा होगा। माना जा रहा है कि कुल बजट 5.5 लाख करोड़ रुपए तक जा सकता है। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य सरकार का कुल बजट 5.13 लाख करोड़ रुपए है। चुनावी बजट होने की वजह से केंद्रीय करों से अपेक्षित धनराशि न मिलने के बावजूद यूपी सरकार का बजट ज्यादा होगा। इसके लिए वैश्विक संस्थाओं द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में भारत के विकास दर का आंकलन 11 फीसदी के करीब किए जाने को बताया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार बाजार व बैंकों से अपने कर्ज बढ़ाकर अपने बजट के आकार को बढ़ाने की तैयारी में है।
भाजपा अपने नारे “सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास” को बजट के जरिए जनता के बीच पहुंचाने की कोशिश कर सकती है। कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश सरकार का यह बजट सबको खुश करने वाला हो सकता है। दरअसल बजट सत्र से पहले ही भाजपा विधानमंडल दल की बैठक हुई थी जिसमें बजट सत्र के दौरान सरकार की बीते चार साल की उपलब्धियों को मजबूती रखने की बात कही गई थी। इस बैठक में इस बात के संकेत भी दिए गए थे कि बजट के बाद 2022 चुनाव की तरफ बढ़ना है।
– किसानों के लिए किए जा सकते हैं नए ऐलान
– अयोध्या, काशी, मथुरा और गोरखपुर के पर्यटन विकास के लिए नई योजनाओं का ऐलान हो सकता है
– संपर्क मार्गों से अछूते 250 से अधिक आबादी वाले ग्रामीण बसावटों को संपर्क मार्ग से जोड़ने के लिए करीब 8000 करोड़ रुपये
– गंगा किनारे के गांवों में गंगा मैदान, गंगा चबुतरा तथा अन्य विकास कार्य
– महिला सशक्तीकरण के लिए बड़ी धनराशि की घोषणी की जा सकती है