एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि अजीजुल हक के बारे में यूपी एटीएस को पूर्व में ही जानकारी मिल गई थी। जिसके बाद एटीएस ने रणनीति बनाई व ऑपरेशन को अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि अजीजुल मूल रूप से म्यांमार का रहने वाला है और 2001 में बांग्लादेश के रास्ते भारत आया था। इसके अतिरिक्त खलीलाबाद नगर पालिका के तकनीकी सहायक अब्दुल मन्नान को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। आरोप है कि उसने फर्जी दस्तावेज बनवाने में अजीजुल हक की मदद की थी। इसके अतिरिक्त मोतीनगर मोहल्ले से मन्नान के दो और सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया है। आरोप है कि यह भी रोहिंग्या मुसलमान हैं।
अजीजुल हक के पास से दो पासपोर्ट बरामद किए गए हैं। हालांकि उक्त तकनीकी सहायक के खिलाफ अभी तक पुख्ता सुबूत अब तक नहीं मिले हैं, जिसकी वजह से उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है। एडीजी ने बताया कि अजीजुल हक से उसके 3 आधार कार्ड, एक पैनकार्ड, 3 डेबिट कार्ड, राशन कार्ड और 5 बैंकों की पासबुक भी बरामद किए गए हैं।