पांडवों का उदाहरण देते हुए शिवपाल सिंह यादव ने कहा, नेताजी नहीं चाहते थे कि मैं सपा छोड़ दूं, लेकिन मुझे अलग होना पड़ा। मैंने सिर्फ सम्मान मांगा था, लेकिन कुछ लोग इसके लिए तैयार नहीं हैं। प्रसपा प्रमुख ने कहा, मैंने बहुत कुछ हासिल किया है। मंत्री भी रहा हूं और अब मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बन गया हूं। मैंने यहां तक कह दिया था कि अगर इच्छा रही तो हम चुनाव भी नहीं लड़ेंगे। सूत्रों के मुताबिक, शिवपाल अब छोटे-छोटे दलों से गठबंधन का विकल्प करेंगे।