ये भी पढ़ें: अब पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर होगी ट्रेन में एंट्री, फिंगर प्रिंट देने से मिलेगी सीट वर्तमान व्यवस्था में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसकी पत्नी, पुत्र और पुत्री को संपत्ति में हक मिलता है। लेकिन अगर मुख्य व्यक्ति से पहले उसके बेटे की मौत हो जाए, तो ऐसी स्थिति में पोते को संपत्ति में हक मिलता है पोती को नहीं। ठीक इसी तरह किसी नि:संतान व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति का हकदार भाई को बनाया जाता है। अगर भाई की मृत्यु नि:संतान व्यक्ति से पहले हो जाती है, तो संपत्ति में भाई के बेटे (भतीजे) को तो उत्तराधिकार मिलता है लेकिन भतीजी को हिस्सा नहीं मिलता है। अब उत्तराधिकारियों की सूची में इनका भी नाम जोड़ दिया गया है।
कोई भी पट्टे पर दे सकेगा कृषि भूमि किसी भी वजह से खेती करने में असमर्थ व्यक्ति को पहले नियम अनुसार कृषि भूमि का अधिकतम तीन साल का पट्टा करने का अधिकार है। राजस्व संहिता में बदलाव कर ये शर्तें हटा दी गई हैं। अब कोई भी भूमि पर पट्टा दे सकेगा। बीमार, नि:शक्त या अन्य वजहों से खेती करने में असमर्थ, विधवा, अविवाहित स्त्री, परित्यक्त महिला आदि को ही पहले कृषि भूमि का अधिकतम तीन साल तक पट्टा करने का अधिकार है। राजस्व संहिता में बदलाव कर ये शर्तें हटा दी गई हैं। अब कोई भी भूमिधर पट्टा कर सकेगा। वहीं, अगर कोई उद्योग या कमर्शियल इस्तेमाल के लिए जमीन लेता है, तो प्रोविजिनल नोटिफिकेशन पर उसे बैंक से लोन मिल सकेगा। इसके अलावा अगरो कई व्यक्ति 20.344 हेक्टेयर तक की जमीन लेता है, तो उसे डीएम से अनुमति लेनी होगी। 40.4688 हेक्टेयर तक की जमीन लेने के लिए कमिश्नर और उसके अधिक जमीन खरीदने या अर्जित करने के लिए शासन से अनुमति लेनी होगी। अगर किसी ने बिना अनुमोदन के जमीन खरीद ली है, तो वह भी अनुमति के लिए आवेदन कर सकता है। इसके लिए सर्कल रेट का 5 प्रतिशत जुर्माना देना होगा।