बिन परीक्षा दूसरी कक्षा के लिए प्रमोट कमेटी ने यह सुझाव दिया है कि परीक्षा रद्द कर छात्रों को अगली कक्षा के लिए प्रोन्नत कर दिया जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को उनके सरकारी आवास पर हुई बैठक में भी इस मुद्दे पर विचार किया गया। इस बैठक में उच्च शिक्षा के साथ-साथ बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा से जुड़े विषयों पर भी विचार-विमर्श किया गया। बैठक में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल पहली जुलाई खोलने के फैसले पर सहमति जताई गई।
1 जुलाई से स्कूल आएंगे शिक्षक बच्चों के लिए स्कूल भले ही बंद हो लेकिन पहली जुलाई से प्राथमिक शिक्षकों का स्कूल आना अनिवार्य है। शिक्षकों को पाठ्यक्रम संबंधी कार्य निपटाना होगा। इस संबंध में बेसिक शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने आदेश ने पहले ही आदेश जारी कर दिया था। शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों को स्कूल में जरूरी काम पूरा करना होगा। इसमें सबसे पहले शारदा अभियान के तहत 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों का प्रवेश सुनिश्चित करना है। दीक्षा ऐप के जरिए शिक्षकों को अपना प्रशिक्षण भी पूरा करना है। वहीं राज्य सरकार द्वारा विकसित आधारशिला, ध्यानाकर्षण और प्रशिक्षण संग्रह का प्रशिक्षण भी प्रस्तावित है। इसका प्रशिक्षण 20 जुलाई से खण्ड शिक्षा अधिकारी 25-25 शिक्षकों का बैच बना कर देंगे। उधर, माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों के बारे में कोई फैसला दो जुलाई को लिया जाएगा।
प्रोन्नत करने के लिए अलग-अलग मॉडल शासन ने राज्य विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं कराने के संबंध में तीन दिनों के अंदर संस्तुतियां देने के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। मेरठ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. तनेजा कमेटी की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति प्रो. अशोक मित्तल, छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर की कुलपति प्रो.नीलिमा गुप्ता और डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित सदस्य बनाए गए थे। कमेटी के अध्यक्ष प्रो. तनेजा ने उच्च शिक्षा विभाग को अपनी रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें छात्रों को अगली कक्षाओं में प्रोन्नत करने के लिए अलग-अलग मॉडल सुझाए हैं।