स्वामी प्रसाद मौर्य को बड़ी राहत
स्वामी प्रसाद मौर्य पर बेटी संघमित्रा के बिना तलाक के दूसरी शादी करने का आरोप लगाया गया है। इसके साथ ही जान से मारने और धमकी देने का आरोप भी लगा है। बेटी से जुड़े शादी के सिलसिले में समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। मामले में जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने यह फैसला स्वामी प्रसाद मौर्य के पक्ष में सुनाया है। इसके साथ ही बेंच ने मौर्य पर चल रहे आपराधिक कार्यवाही पर भी रोक लगा दी है। यही नहीं कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील पर नोटिस भी जारी किया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कर दिखा था इंकार
इलाहाबाद हाई कोर्ट, लखनऊ बेंच ने स्वामी प्रसाद मौर्य को इस मामले में राहत देने से नकार दिया था। फिर स्वामी प्रसाद मौर्य ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश ने स्वामी प्रसाद मौर्य को बड़ी राहत दी है। क्या है संघमित्रा-दीपक कुमार स्वर्णकार मामला
दीपक कुमार स्वर्णकार ने कोर्ट में अर्जी दी थी कि स्वामी प्रसाद मौर्य और बेटी संघमित्रा ने अपने कथित बॉयफ्रेंड दीपक कुमार स्वर्णकार को झूठ बोलकर शादी की थी। अर्जी में दीपक ने बताया कि शादीशुदा होने के बाद भी 2019 के चुनाव में संघमित्रा ने आयोग के हलफनामे में खुद को अविवाहित बताया था।
दीपक कुमार स्वर्णकार ने लगाया स्वामी प्रसाद मौर्य पर आरोप
दीपक कुमार स्वर्णकार ने आरोप लगाया है कि जब शादी की बात सामने आई तो मौर्य ने मामले को दबाने के लिए उन पर जानलेवा हमला कराया। दीपक ने हमले की शिकायत की और आरोप लगाया कि हमला स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से की गई साजिश का एक हिस्सा था।