इस साल इंटर की परीक्षा दे रहे गौरव इलेक्ट्रिक साइकिल पर दो साल से रिसर्च कर रहे हैं। उनके आइडिया और प्रयास को देखते हुए आईआईटी के वैज्ञानिक न सिर्फ मदद कर रहे हैं बल्कि उनकी कंपनी साइकिल स्पीड को इंक्यूबेट भी किया है। गौरव ने बताया कि साइकिल के साथ दिव्यांगों की समस्या को देखते हुए ऐसा किया है। इसकी फ्रेमिंग ऐसी है कि किसी भी दिव्यांग को इसमें चढ़ने-उतरने या बैठने में दिक्कत नहीं होगी। लीथियम बैटरी का प्रयोग किया गया है, जो ट्राई साइकिल में प्रयुक्त हो रही बैटरी से हल्की है और इसकी गुणवत्ता करीब 30 फीसदी अधिक बेहतर है।
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युवा नहीं बनना चाहते हैं इंजीनियर, खत्म हुई सीटें, Admission से पहले देखें लिस्ट 2-3 घंटे तक चलेगी साइकिल की बैटरी गौरव ने बताया कि यह अधिक देर तक चार्ज रहती है और इसकी उम्र भी सामान्य बैटरी से करीब डेढ़ गुना अधिक है। वर्तमान में ट्राई साइकिल में लेड एसिड बैटरी का इस्तेमाल किया जा रहा है। गौरव के मुताबिक ट्राई साइकिल की कीमत वर्तमान में उपलब्ध ट्राई साइकिल के समान ही है। नई तकनीक पर आधारित यह ट्राई साइकिल लोगों को पसंद आएगी।
इलेक्ट्रिक साइकिल अब बाजारों में होगी उपलब्ध गौरव ने बताया कि इलेक्ट्रिक साइकिल पूरी तरह तैयार हो गई है। प्रोटोटाइप हर बिंदु पर पास हो गया है। इसी साल दिसंबर अंत तक इलेक्ट्रिक साइकिल बाजार में उपलब्ध होगी। ये साइकिल उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के हर बाजार में उपलब्ध होगी।