ऐसे हुई 26 साल बाद बरामदगी
साल 2022 में मुक्तेश्वर निवासी रेखा रानी को पिथौरागढ़ में बाल कल्याण समिति के सदस्य पद के रूप में तैनाती मिली थी। इस बीच उन्होंने पिथौरागढ़ में बुजुर्ग महिला को देखा तो उन्हें वह परिचित जैसी लगीं। उन्होंने महिला से बात करनी चाही, लेकिन मानसिक स्थिति ठीक न होने से महिला के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली। वह लगातार महिला से बातचीत करती रहीं, लेकिन उन्हें परिजनों के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं मिल सकी। इस पर रेखा रानी ने महिला की तस्वीर अपने परिचित गांव के लोगों को भेजी तो उनके परिजनों ने फोटो से तारा देवी की शिनाख्त कर ली।
प्रेम को देख उमड़ा मां का प्यार
जानकारी मिलते ही तारा देवी का पुत्र प्रेम चंद्र और पोता दीपक चंद्र पिथौरागढ़ पहुंच गए थे। शुक्रवार को रेखा रानी परिजनों को लेकर जिला मुख्यालय पहुंचीं और महिला को परिजनों के सुपुर्द किया। मां को देखकर प्रेम चंद्र अपने आंसू नहीं रोक पाया। दीपक ने पहली बार अपनी दादी को देखा तो वह उनसे लिपट गया। मां को देख खुशी के मारे प्रेम के आंखों से आसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। उन्होंने बताया कि काफी खोजबीन के बाद भी मां का पता नहीं चल पाया था। लिहाजा परिजन उन्हें मृत मान चुके थे। ये भी पढ़ें:-
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बाल कल्याण समिति की सदस्य रेखा रानी के मुताबिक वर्ष 1998 के दौरान महिला को अपने गांव पास देखा था। यहां तैनाती हुई तो उन्होंने वह परिचित लगी, लेकिन महिला के परिजनों के बारे में जानकारी न होने से वह कुछ नहीं कर पाई। दो वर्ष तक लगातार कोशिश करने के बाद आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई। महिला को उनके परिजनों से मिलाने में रेखा रानी के अलावा सुनील रावत, विनिता कलोनी, सुरेंद्र आर्या, मुस्कान भंडारी, डॉ. ललित, पुलिस की एएचटीयू टीम का भी सहयोग रहा।