सपा परिवार में एकता के लिए शिवपाल ने रख दी एसी शर्त, जवाब नहीं दे पा रहे अखिलेश !
चाचा और भतीजे में सुलह की संभावनाएं दिख रही हैं। समाजवादी पार्टी के अध्य्क्ष अखिलेश यादव व प्रगतिशीन समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल सिंह यादव साथ आ सकते हैं।
लखनऊ. चाचा और भतीजे में सुलह की संभावनाएं दिख रही हैं। समाजवादी पार्टी के अध्य्क्ष अखिलेश यादव व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल सिंह यादव साथ आ सकते हैं। और इसके संकेत बीते कुछ दिनों से मिल रहे हैं। इन्हें साथ लाने की बीड़ा सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने उठाया है वहीं पूर्व सांसद धर्मेंद यादव दोनों के बीच कड़ी बनने की कोशिश में लगे हैं। लेकिन इसी बीच मामले में एक नया मोड़ आया है। बताया जा रहा है कि मुलायम सिंंह यादव द्वारा इसी मसले पर बुलाई गई बैठक में शिवपाल सिंह यादव ने दो बड़ी शर्ते रख दी है, जिसका अखिलेश यादव से जवाब देते हुए नहीं बन रहा है।
ये भी पढ़ें- सीएम योगी का ऐतिहासिक फैसला, अवैध संबंध रखने वालों को लेकर पहली बार किया बहुत बड़ा ऐलानपार्टी में नहीं होगा विलय- मीडिया खबरों के मुताबिक, शिवपाल और अखिलेश के बीच सुलह के लिए कई बैठकें हुई हैं और इन बैठकों में केवल मुलायम सिंह यादव के परिवार के सदस्य ही शामिल हुए हैं। इसी बैठक में शिवपाल ने सुलह की शर्ते रख दी है। पहली शर्त शिवपाल ने वहीं रखी है, जिसपर वह शुरू से ही अडिग रहे हैं। अखिलेश से सुलह तो वह कर लेंगे, लेकिन अपनी पार्टी प्रसपा (लोहिया) का वह उसमें विलय नहीं करेंगे बल्कि सिर्फ गठजो़ड होगा। शिवपाल कई दफा इस बात पर जोर दे चुके हैं। वह कह चुके हैं कि पार्टी के नेताओं और पदाधिकारी उनके साथ बड़े विश्वास के साथ जुड़े हैं। पार्टी को और मजबूत करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसे में वह अपने कदम पीछे नहीं कर सकते।
ये भी पढ़ें- यूपी में अचानक 17 IAS के किए गए तबादले, देखें किसे कहां मिली तैनातीइन्हें चाहते है पार्टी अध्यक्ष- वहीं दूसरी शर्त जो शिवपाल सिंह यादव ने रखी है, असल में आगे जाकर पेच उसी में फंसता दिख रहा है। शिवपाल सिंह यादव ने सपा के प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए पूर्व सांसद व सभी के चहेते धर्मेंद्र यादव का नाम सामने रखा है। वह चाहते हैं कि धर्मेंद्र यादव सपा प्रदेश अध्यक्ष कि जिम्मेदारी संभाले। वर्तमान में नरेश उत्तम सपा के यूपी अध्यक्ष हैं। और धर्मेंद्र को प्रदेश अध्यक्ष बनाना मतलब नरेश उत्तम पटेल को पद से बर्खास्त करना है। वैसे धर्मेंद्र को शिवपाल औऱ अखिलेश में सुलह करवाने की जिम्मेदारी मिली है, क्योंकि उनका दोनों से तालमेल बढ़िया है। यदि धर्मेंद्र प्रदेश अध्यक्ष बनते हैं तो अखिलेश के सामने नरेश उत्तम पटेल को समझाने और मनाने की चुनौती होगी। ऐसी स्थिति में हो सकता है कि अखिलेश उन्हें कोई और बड़ी जिम्मेदारी सौंपे।
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