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पत्रिका एक्सक्लूसिव इंटरव्यू- अगर अखिलेश चाहें तो सपा से गठबंधन करने को तैयार, लेकिन नहीं होगा विलय

-पत्रिका से एक्सक्लूसिव इंटरव्यूव में बोले शिवपाल सिंह यादव–अगर अखिलेश चाहें तो सपा से गठबंधन करने को तैयार- राजनीतिक गलियारों में शिवपाल की सरगर्मियां बढ़ गईं-सूबे के आवाम के लिए वह किसी से भी गठबंधन कर सकते हैं
 

लखनऊSep 30, 2019 / 11:37 am

Ruchi Sharma

पत्रिका एक्सक्लूसिव इंटरव्यू- अगर अखिलेश चाहें तो सपा से गठबंधन करने को तैयार, लेकिन नहीं होगा विलय

पत्रिका एक्सक्लूसिव इंटरव्यू- अगर अखिलेश चाहें तो सपा से गठबंधन करने को तैयार, लेकिन नहीं होगा विलय

रुचि शर्मा
लखनऊ. समाजवादी पार्टी के बुनियादी नेता रहे शिवपाल सिंह यादव सपा से अलग होने के बाद से लगातार चर्चा में हैं। कभी परिवार को तोडऩे के आरोप लगाकर वे चर्चा-ए-आम हो जाते हैं तो कभी सपा में शामिल होने की चर्चा के कारण वह लोगों के बीच बहस का मुद्दा बन जाते हैं। बीते विधानसभा चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव में राष्ट्रवादी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाकर उन्होंने यूपी की सियासत में नया भूचाल लाने की कोशिश की। भले ही वह उसमें कामयाब न हो पाए हों, पर राजनीतिक गलियारों में शिवपाल की सरगर्मियां बढ़ गईं। यूपी के उप चुनाव के पहले अब एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई कि मुलायम परिवार एक हो रहा है। शिवपाल सपा में जा सकते हैं। इस पर उन्होंने साफ कर दिया कि परिवार का एका मीडिया की देन है। परिवार तो एक था, है और रहेगा। शिवपाल बोले सूबे के आवाम के लिए वह किसी से भी गठबंधन कर सकते हैं। अगर अखिलेश चाहें तो सपा से भी उनका चुनावी गठबंधन हो सकता है। ऐसे तमाम मुद्दों पर पत्रिका टीन ने बातचीत की। पेश हैं अंश-

सवाल- 2017 में सपा की करारी हार व भाजपा की प्रचंड जीत का जिम्मेदार कौन?

उत्तर- सपा ने 2012 विधानसभा चुनाव जीतने के बाद बहुत काम किया। एक्सप्रेस-वे बनाया, अस्पताल बनाए गए, बेरोजगारों को रोजगार दिया। इतना काम होने के बावजूद सरकार दोबारा न बनाने के पीछे कराण संगठन का कमजोर होना है। पार्टी में एक विचारधारा की कमी रही। मैंने पुराने नेताओं को पार्टी से जुड़ने का काम किया। मगर मेरा प्रयास असफल किया गया। अगर पुराने नेता हमारे साथ जुड़े रहते तो निश्चित ही पार्टी दोबारा सत्ता में आती। शिवपाल यादव ने साफ साफ कह दिया कि सपा अपने कर्मों से चुनाव हारी है। कर्म ठीक होते तो सपा चुनाव नहीं हारती।
सवाल- भाजपा को कैसे चुनौती देंगे?

उत्तर- पूरे देश में इमरजेंसी जैसा माहौल लागू हो गया। महंगाई और भ्रष्टाचार बढ़ता ही जा रहा है। उत्तर प्रदेश में सीएम योगी नहीं अफसर शासन चला रहे हैं। अधिकारियों के हाथों में कमान होगी तो प्रशासन सही नहीं चलेगा। शिवपाल ने कहा कि प्रदेश में महंगाई और भ्रष्टाचार चरम पर है। ऐसे में इन सबके विरोध में हम रोड पर उतर आए हैं और लगातार प्रदर्शन कर रहे है।
सवाल- प्रदेश में भाजपा सरकार को ढाई साल पूरे हो गए, क्राइम ग्राफ बढ़ा है या घटा?

उत्तर- भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता हासिल की पर जनता की उम्मीदों पर सरकार खरा नहीं उतर पाई। लगातार क्राइम ग्राफ बढ़ा, बेरोजगारी भी बढ़ी। रोजना हत्या, रेप की घटना सामने आ रही है। सरकार इन सब मुद्दों पर मौन है। जवाब ही नहीं देना चाहती। कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। न ही थानों में रिपोर्ट लिखी जा रही है।
सवाल- प्रसपा के सदस्यता अभियान में कितने लोगों को पार्टी की सदस्यता दिलाई?

उत्तर – सदस्यता अभियान में हमने प्रत्येक विधानसभा में पांच हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है। बहुत जल्द ही दो सौ सक्रिय सदस्य बनाए जाएंगे। जो पार्टी में सक्रिय रहेंगे। यह अभियान दिसंबर तक चलेगा।
सवाल- सपा में विलय की खबरों पर क्या कहना हैं?

उत्तर- विलय की कोई गुंजाइश नहीं है। मेरे मन में हमेशा से परिवार एक रहा है। अभी तक समाजवादी पार्टी से किसी ने मुझसे वापस आने की बात नहीं की है। हम पार्टी का विलय नहीं करेंगे, लेकिन सपा से गठबंधन कर सकते हैं। विलय के पक्ष में नहीं है,गठबंधन के पक्ष में है। मैंने हमेशा परिवार को एक करने की कोशिश की है।
सवाल- आगे की क्या योजना है?

उत्तर- पार्टी 2022 का लक्ष्य लेकर संगठन को मजबूत करने के लिए काम करने जा रही है और अभियान शुरू कर चुकी है। हमारी तीन महीने की पार्टी में उत्तर प्रदेश के 60 प्रत्याशी उतारे, प्रचार में भी कोई कमी नहीं की। हम अब आगे विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी कर रहे हैं।
सवाल- लोकसभा चुनाव में प्रसपा प्रत्याशी खड़े करने पर क्या सपा को नुकसान हुआ?

उत्तर- हमारी ये मंशा नहीं थी कि सपा को नुकसान हो। हमने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ा। मैंने पहले भी प्रयास किया कि सपा-बसपा गठबंधन में हमें भी जोड़ा जाए। भाजपा के खिलाफ अगर कांग्रेस व प्रसपा को भी इकट्टा किया जाता तो निश्चित रूप से हम भाजपा को हरा सकते थे।
सवाल- परिवार में षड्यंत्र के पीछे किसका हाथ है ?

उत्तर- शिवपाल यादव ने कहा कि निजी स्वार्थ के लिए कुछ लोग पार्टी के हित की बलि दे रहे हैं। मैं उनका नाम नहीं लेना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि परिवार में एेसा कोई है जो जान बूझकर समाजवादी पार्टी के दूसरे दलों से विलय और गठबंधन पर रोडे अटका रहा है। चापलूस लोग जब नजदीक आ जाते है तो वे कभी सही राय नहीं देते, उनसे बचके रहना चाहिए। शिवपाल यादव ने कहा कि अगर बिहार चुनाव के समय ही महागठबंधन हो जाता, तो आज मुलायम सिंह का कद कुछ और होता।

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