दागी और भ्रष्ट पुलिसकर्मियों की होगी छंटनी, जबरन रिटायर किए जाएंगे 50 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारी
Screening of Policemen Compulsary Retirement Of Police Above 50 Years- उत्तर प्रदेश के दागी और भ्रष्ट पुलिसकर्मियों (UP Police) की छंटनी शुरू होने वाली है। डीजीपी (DGP) मुख्यालय ने सभी जिलों में नकारा पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग किए जाने का निर्देश दिया है।
Screening of Policemen Compulsary Retirement Of Police Above 50 Years
लखनऊ. Screening of Policemen Compulsary Retirement Of Police Above 50 Years . उत्तर प्रदेश के दागी और भ्रष्ट पुलिसकर्मियों (UP Police) की छंटनी शुरू होने वाली है। डीजीपी (DGP) मुख्यालय ने सभी जिलों में नकारा पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग किए जाने का निर्देश दिया है। यूपी के एडीजी स्थापना संजय सिंघल की ओर से सभी जिलों के कप्तान और पुलिस कमिश्नरों को एक महत्वपूर्ण पत्र भेजा गया है। इस पत्र में 26 अक्टूबर 1985 से लेकर 6 जुलाई 2017 तक के कई शासनादेशों का हवाला देकर 50 साल या इससे ऊपर के उम्र के कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्ति देने के लिए स्क्रीनिंग की कार्रवाई समय और नियम के मुताबिक कराने को कहा गया है। योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत पहले भी दागी अफसरों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है।
400 पुलिसकर्मी जबरन रिटायर पत्र में यह बात साफ कही गई है कि 30 मार्च, 2021 को 50 साल या इससे अधिक उम्र के पुलिसकर्मियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्ति करने के लिए स्क्रीनिंग कराई जाएगी। स्क्रीनिंग कमेटी में नॉन गजेटेड पुलिसकर्मियों को नियुक्त करने वाले अधिकारियों को रखने की बात भी कही गई है। 30 नवंबर तक स्क्रीनिंग का ब्योरा डीजीपी मुख्यालय भेजने का निर्देश दिया गया है। बीते दिनों योगी सरकार में इसी स्क्रीनिंग के चलते अब तक तीन आईपीएस अधिकारी समेत 400 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायर किया जा चुका है। आईपीएस अमिताभ ठाकुर को जबरन रिटायर करने की जमकर चर्चा भी हुई थी। आईपीएस राकेश शंकर और राजेश कृष्णा को भी जबरन रिटायर किया गया था।
प्रदर्शन और योग्यता के आधार पर होती है छंटनी पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन और योग्यता के आधार पर उनका एसीआर बनाया जाता है। जैसी उनकी परफॉर्मेंस होती है उसी आधार पर उनकी छंटनी होती है। उत्तर प्रदेश में कर्मचारियों की भर्ती नियमावली के नियम 56 ग के तहत कर्मचारियों की उपयुक्तता को उसका नियुक्ति अधिकारी तय करता है और एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाकर अनुपयुक्त और अयोग्य कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति किया जाता है।