रेल मंत्री का इनकार रेलवे पहले अपने वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन किराए में राहत प्रदान करता था। पर कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से मार्च 2020 से इस छूट को बंद कर दिया गया था। और लगातार जनता की मांग के बावजूद रेलवे ने यह सुविधा बहाल नहीं की। और रेल मंत्री ने भी इस सुविधा को बहाल करने से साफ-साफ इनकार कर दिया है। रेलवे की 2020-21 का राजस्व 2019-20 के राजस्व के अपेक्षा कम था। रेलवे की घटती कमाई को ध्यान में रखते हुए ये फैसला किया गया है।
रेलवे ने बहाल की कई सुविधाएं कोरोनाकाल में यात्रियों को दी जाने वाली लगभग 53 में से 15 सेवाओं को छोड़कर सभी को बंद कर दिया था। कोरोनाकाल के बाद रेल यात्रियों की कई सेवाओं को बहाल की गई है। कुछ स्पेशल श्रेणी को किराए पर छूट दोबारा से बहाल कर दी गई है। इनमें 4 क्षेणी के दिव्यांगों, 11 गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों और छात्रों को किराये में छूट मिलने लगी है।
सीनियर सिटीजन को कितनी मिलती थी छूट जानें रेलवे सीनियर सिटीजन को रेलवे टिकट पर 50 फीसदी तक छूट देता था। 60 से अधिक उम्र के पुरुष और 58 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को रेलवे में सीनियर सिटीजन की केटेगरी में रखा जाता है। राजधानी, शताब्दी, दूरंतो समेत सभी मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में पुरुषों को बेस फेयर में 40 फीसदी और महिलाओं को बेस फेयर में 50 फीसदी की छूट दी जाती थी।
छूट में बस इतना ही होते हैं खर्च वरिष्ठ नागरिकों को किराए में छूट देने पर सालाना तकरीबन 1,600 करोड़ रुपए की लागत आती है। सभी श्रेणियों में रियायत दिए जाने पर रेलवे की ओर से लगभग 2000 करोड़ रुपए खर्च किए गए।