योगी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगा बीजेपी का यह चेहरा, पुराने कार्यकर्ता को तरजीह
Prefernce given to old workers- भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने नेतृत्व में बदलाव किया है। पदाधिकारियों के चयन में जातीय व क्षेत्रीय संतुलन बिठाने की पूरी कोशिश की गई है। पार्टी ने पुराने निष्ठावान कार्यकर्ताओं पर भरोसा जताते हुए उन्हें तरजीह दी है।
लखनऊ. Prefernce given to old workers. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने नेतृत्व में बदलाव किया है। पदाधिकारियों के चयन में जातीय व क्षेत्रीय संतुलन बिठाने की पूरी कोशिश की गई है। पार्टी ने पुराने निष्ठावान कार्यकर्ताओं पर भरोसा जताते हुए उन्हें तरजीह दी है। 10 पदाधिकारियों को नियुक्त किया गया है। इनमें मुख्य रूप से ब्राह्मण, क्षत्रिय, ओबीसी, एससी-एसटी और मुस्लिम को शामिल किया गया है। दो ब्राह्मण, एक क्षत्रिय, दो ओबीसी, दो एससी,एक एसटी और एक मुस्लिम शामिल हैं।
मेहनती कार्यकर्ता पर भरोसा बीजेपी ने भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के लिए फर्रुखाबाद के प्रांशु दत्त द्विवेदी को चुना है। वह पूर्व कद्दावर मंत्री रहे ब्रह्मदत्त द्विवेदी के भतीजे हैं। प्रांशु दत्त भाजयुमो में राष्ट्रीय मंत्री रह चुके हैं। मौजूदा वक्त में वह प्रदेश मंत्री थे। पार्टी में उनकी छवि एक जुझारू युवा नेता की रही है। पार्टी ने उनकी मेहनती होने की छवि के चलते उन्हें निष्ठावान कार्यकर्ता होने का इनाम दिया है। उनके अलावा जितिन प्रसाद को भाजपा में शामिल करने के साथ ही लखनऊ की अर्चना मिश्रा को मंत्री बनाकर ब्राह्मणों को साधने की कोशिश की गई है। अर्चना महिला मोर्चे में महामंत्री थीं।
महिला मोर्चे में ओबीसी को तवज्जो महिला मोर्चे की प्रदेश अध्यक्ष पद पर कई सवर्ण जातियों की महिलाएं दौड़ में थीं। लेकिन सभी को नकारते हुए प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने इस पद पर ओबीसी महिला व राज्यसभा सांसद गीता शाक्य को जिम्मेदारी दी है।