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चेयरमैन आर पी सिंह ने कार्यवाही के दिए निर्देश ऐसे में विद्युत नियामक आयोग इस पर तत्काल कठोर कदम उठाए काफी लंबी चर्चा की गई। इसके उपरान्त विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आर पी सिंह ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए सचिव विद्युत नियामक आयोग को कार्यवाही के लिए निर्देश दिया। विद्युत नियामक आयोग के सचिव संजय कुमार सिंह ने पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज को पत्र लिखते हुए कहा विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानों के तहत, बनाए गए मुआवजा कानून को प्रदेश में ना लागू करना बहुत ही गंभीर मामला है।शिक्षक अभ्यर्थियों ने किया शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के घर का घेराव
उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ पावर कारपोरेशन तत्काल विद्युत अधिनियम 2003 के अनुसार, बनाए गए स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन 2019 के तहत मुआवजा कानून को प्रदेश में लागू करें और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि यह पूरी व्यवस्था ऑनलाइन रहेगी। जिससे प्रदेश के विद्युत उपभोक्ता इसका आसानी से लाभ ले सके। प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को मुआवजा मिलना शुरू हो जाएगा । विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं जैसे ब्रेक डाउन, केबिल फाल्ट, ट्रांसफार्मर, नया कनेक्शन, मीटर रीडिंग, लोड घटना बढ़ाना व अन्य मामले जिनके लिये नये कानून में समय तय है।
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मुआवजा कानून में जल्द मिलेगा लाभ उपभोक्ताओं को अधिकतम 60 दिन में मुआवजा मिल जायेगा। आयोग माध्यम से जारी कानून में उपभोक्ता को एक वित्तीय साल में उसके फिक्स चार्ज डिमांड चार्ज के 30 प्रतिशत से अधिक का मुआवजा नहीं दिया जायेगा। उदाहरण के तौर पर जैसे 1 किलोवाट का उपभोक्ता यदि महीने में 100 रुपये प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज देता है तो उसे पूरे साल का फिक्स चार्ज 1200 रुपये हुआ, तो उसे अधिकतम एक वित्तीय साल में रू0 360 का मुआवजा ही मिलेगा।शराबी टीटीई की चली गई नौकरी, ट्रेन में महिला के सिर पर किया था पेशाब
जानिए किस व्यवधान पर कितना मुआवजा . उपभोक्ता समस्या दोष के मामले में मुआवजा. अन्डरग्राउन्ड के बिल ब्रेकडाउन 100 रुपये प्रतिदिन
. सब-स्टेशन का निर्माण बाधित होने की स्थिति में वोल्टेज विचलन 250 रुपये प्रतिदिन
. नया कनेक्शन वितरण मेन्स उपलब्धता पर 50 रुपये प्रतिदिन
. मीटर रीडिंग के मामले 200 रुपये प्रतिदिन
. डिटेक्टिव मीटर ध् सामान्य फ्यूज ऑफ 50 रुपये प्रतिदिन
. श्रेणी परिवर्तन 50 रुपये प्रतिदिन
. ट्रांसफार्मर फेल ग्रामीण 150 रुपये प्रतिदिन
. अस्थायी कनेक्शन का निर्गमन 100 रुपये प्रतिदिन
. विद्युत आपूर्ति बढ़ाने, सब स्टेशन की स्थापना 500 रुपये प्रतिदिन
. कॉल सेंटर द्वारा रिस्पॉन्स न दिया जाना 50 रुपये प्रतिदिन
. फर्जी अवशेषों को आगे ले जाना 100 रुपये प्रति चक्र
. नया कनेक्शन अतिरिक्त भार जहॉं आपूर्ति नेटवर्क विस्तार 250 रुपये प्रति दिन
. ओवरहेड लाइन काबिल ब्रेकडाउन 100 रुपये प्रति दिन
शहरी रू0 20 प्रति किलोवाट। ग्रामीण 10 रुपये प्रति किलोवाट सेवा क्षेत्र देय मुआवजा प्रति बिल चक्र के अनुसार।