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UP Politics : माया की राह पर योगी, चिकित्सा संस्थानों में भी जातिगत राजनीति

यूपी में नव निर्मित मेडिकल कालेजों के नामकरण पर गरमाई राजनीति, भाजपा के नेताओं ने भी कई नामों पर जताया एतराज

लखनऊJul 28, 2021 / 06:31 pm

Hariom Dwivedi

Politics on nine new medical colleges in UP

UP Politics : माया की राह पर योगी, चिकित्सा संस्थानों में भी जातिगत राजनीति

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) भी पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) की रहा पर हैं। योगी सरकार ने यूपी में नवनिर्मित मेडिकल कॉलेजों (Medical College) के नाम जातीय महापुरुषों के नाम पर कर दिए हैं। इससे विपक्ष को विरोध का नया हथियार मिल गया है। भाजपा के लिए मुश्किल यह है कि अब सत्तारूढ़ दल के विधायक भी इस नामकरण की सियासत को तूल दे रहे हैं।
योगी सरकार एक साथ 9 मेडिकल कॉलेजों की सौगात जनता को देने वाली है। लेकिन, इलाज से पहले इन चिकित्सा मंदिरों में भी जाति घुस गयी। इन कालेजों के उद्घाटन के पहले इनके सामने विरोध के बैनर तन गए हैं। नए मेडिकल कालेजों का नामकरण भाजपा ने स्थानीय नेताओं के नाम पर करते हुए जातीय समीकरण और वोट बैंक को साधने की कोशिश की। लेकिन, उसका यह दांव उल्टा पड़ता दिख रहा है। विरोध करने वालों में सत्तारूढ़ दल के नेता भी शामिल हैं। इनका कहना है कि योगी सरकार ब्राह्मणों, कुर्मियों और लोधियों को खुश करने के लिए चिकित्सा क्षेत्र में भी जातियों को घुसा दिया।
30 को पीएम को करना था लोकार्पण
30 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक साथ नौ मेडिकल कालेजों का लोकार्पण करने वाले थे। लेकिन, फैकल्टी पूरा न होने पर एमसीआई ने अनुमति देने से इनकार कर दिया। इस बीच सरकार ने इन कालेजों के नाम घोषित कर दिए।
ख्यातनाम चिकित्सकों के नाम पर हों कालेज
एक मेडिकल कालेज का नामकरण बीजेपी के पहले प्रदेश अध्यक्ष तो एक का नाम अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल के नाम पर है। जबकि, इससे संबंद्ध अस्पताल का नाम प्रताप बहादुर सिंह अस्पताल रखा गया है। विरोध करने वालों का कहना है जिनके नाम पर कालेज का नामकरण हुआ है उनका चिकित्सा के क्षेत्र में कोई योगदान नहीं है। यूपी के ख्यातनाम चिकित्साविदों के नाम पर मेडिकल कालेजों का नाम होना चाहिए था।
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किसके नाम कौन मेडिकल कालेज
1.सिद्धार्थनगर-माधव प्रसाद त्रिपाठी, पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष, ब्राह्मण वोट बैंक को जोडऩे की रणनीति
2.प्रतापगढ़-सोनेलाल पटेल-अपना दल के संस्थापक
3.मिर्जापुर-मां विंध्यवासिनी, शक्ति पीठ, लाखों की आस्था का केंद्र
4.देवरिया-महर्षि देवरहा बाबा, प्रसिद्ध संत, लाखों अनुयायी
5.गाजीपुर. महर्षि विश्वामित्र, प्रसिद्ध ऋषि, ब्राह्मणों को खुश करने की कवायद
6.एटा-वीरांगना अवंती बाई लोधी, पहली महिला स्वतंत्रता सेनानी- लोध जातियों को खुश करने के लिए
7. हरदोई- पंकज कुमार पांडे-शहीद मेजर, ब्राह्मणों को खुश करने के लिए
8. जौनपुर- अभी नाम तय नहीं
9. फतेहपुर- अभी नाम तय नहीं
मायावती ने भी बदला था किंग जार्ज मेडिकल कालेज का नाम
छह सितंबर 2002 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कालेज को उच्चीकृत करते हुए उसका नाम छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय कर दिया था। लेकिन, 23 जुलाई 2012 को अखिलेश यादव ने माया के फैसले को पलटते उहुए फिर से किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी कर दिया था।
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क्या कहते नेता, मंत्री
प्रतापगढ़ मेडिकल कॉलेज का नाम वहां के किसी ब्राम्हण समाज के व्यक्ति पर होना चाहिए। चाहे वह करपात्री जी महाराज हों या फिर शिक्षाविद मुनीश्वर दत्त उपाध्याय। -उमेश द्विवेदी, शिक्षक एमएलसी, भाजपा
यूपी में जातियों के नाम पर मेडिकल कालेज

पहले भी महापुरुषों और राजनीतिक व्यक्तियों के नाम पर अस्पतालों के नाम रखे गए हैं। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। इसे चुनाव से जोड़कर देखना ठीक नहीं। -जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य मंत्री, यूपी सरकार

सिर्फ नाम बदल रही योगी सरकार- सपा
अब तक इस सरकार ने स्वास्थ्य में कोई काम नहीं किया है। ये केवल नाम रखकर ये दिखाना चाहते हैं कि सभी समाज के हितैषी हैं। -सुनील सिंह साजन,सपा प्रवक्ता

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