scriptUP Assembly Elections: ओबीसी आरक्षण, सियासत में हावी हुई जात-पात | Political uproar over OBC reservation bill | Patrika News
लखनऊ

UP Assembly Elections: ओबीसी आरक्षण, सियासत में हावी हुई जात-पात

उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती में ओबीसी आरक्षण का पालन कहीं किया गया है।

लखनऊAug 11, 2021 / 05:23 pm

Nitish Pandey

yogi-adityanath.jpg

CM Yogi

लखनऊ. केंद्र सरकार ने लोकसभा में ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation Bill) को लेकर 127वां संशोधन बिल पेश किया है। इस बिल को लेकर बवाल मचा हुआ है। चुनाव(UP Assembly Elections) जब नजदीक आता है, आरक्षण का लॉलीपॉप दिया जाता है। कुछ जातियों को ओबीसी में लेने को, कुछ को एससी में लेने की बातें सरकारें करना शुरू कर देती हैं। यह ऐसा लॉलीपॉप है जिसमें विभिन्न जातियां वोट करते हैं।
यह भी पढ़ें

खेल विश्वविद्यालय के लिए होगा पेड़ों का कटान, 92 एकड़ में बनेगी यूनिवर्सिटी

चुनावी तैयारी में यूपी सरकार

बीते पांच मई को सुप्रीम कोर्ट ने मराठा रिजर्वेशन को लेकर जब अपनी कड़ा फैसला दिया और कहा कि आरक्षण को लेकर कोई भी फैसला सिर्फ केंद्र सरकार कर सकती है, राज्य नहीं कर सकती हैं। इसके बाद से केंद्र सरकार संविधान में संशोधन कराकर राज्य सरकारों को यह अधिकार देना चाहती है। सूत्रों बताते हैं कि इस बिल के पास होते ही, यूपी सरकार चुनाव से पहले ओबीसी जातियों को अपने पाले में लेने के लिए 39 और जातियों को ओबीसी में सम्मलित करने की तैयारी कर रही है।
कोई नहीं कर रहा है विरोध

लोकसभा में आरक्षण को लेकर पेश किए गए बिल का कोई भी पॉलिटिकल पार्टियां विरोध नहीं कर रही हैं। सभी इसके समर्थन में हैं। राजनीतिक दलों को ये डर सता रहा है कि कहीं ऐसा न हो की हम विरोध करें तो ओबीसी जाति के लोग नाराज न हो जाएं। चुनाव के समय कोई भी राजनीतिक दल किसी भी प्रकार का रिस्क लेना नहीं चाहती हैं।
कहां है नौकरी ?

देश में जाति-पात की बात बहुत होती है, समुदायों की बात होती है। आरक्षण को लेकर भी खूब बातें होती हैं देश में, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि नौकरी कहां है ? आरक्षण के माध्यम से जो बंटवारा है, यह बंटवारा किस बात का हो रहा है ? कौन ओबीसी बन रहा है, कौन एससी बन रहा है, यह सब तो ठीक है, लेकिन नौकरी कहां है ? जब सरकारी नौकरी से ज्यादा संविदा और आउटसोर्सिंग पर भर्तियां हो रही हैं तब इस आरक्षण का क्या मतलब है ? इस आरक्षण को राजनीतिक जानकार सिर्फ लॉलीपॉप बता रहे हैं। इस आरक्षण के कोई मायने नही हैं।
चुनाव से पहले बीजेपी का ओबीसी दांव!

समाज में जो जातियां बिलकुल नीचे चली गई हैं उन्हें आरक्षण देकर ऊपर लाया जाना बहुत जरुरी है, लेकिन ये चुनाव के वक्त ही क्यों याद आता है। ये महत्वपूर्ण बात है। उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार है। सरकार इस ताक में बैठी हुई है कि जैसे ही बिल पास होकर कानून बने 39 नए जातियों को ओबीसी में डाल दो। ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण है।
भर्ती में नहीं हुआ है आरक्षण का पालन

उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती में ओबीसी आरक्षण का पालन नहीं किया गया है। अभ्यर्थी दर-दर भटकने को मजबूर हैं। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने लिखित दिया है कि उत्तर प्रदेश में आरक्षण का पालन नहीं किया गया है।
बीजेपी ने उठाया ओबीसी के लिए कदम: भूपेंद्र

संसद में बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा कि जितने त्वरित गति से हमारी सरकार ने देश के पिछड़ी, दलितों के लिए कदम उठाएं हैं वो इतिहास में सबसे ज्यादा है।
पिछड़ी जातियों का प्रतिनिधित्व जरुरी: अनुप्रिया

अपना दल सांसद और मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल ने संसद में कहा कि जबतक पिछड़ी शोषित जातियों का उनके आबादी के अनुपात में लोकतंत्र के सभी स्तंभों में उनका प्रतिनिधित्व कायम नहीं हो जाता तब तक सामाजिक न्याय की परिकल्पना पूरण रुप से साकार नहीं हो सकता है।
दलितों-पिछड़ी जातियों को गुमराह किया है: अखिलेश

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि सबसे ज्यादा किसी ने दलितों और पिछड़ी जातियों को गुमराह किया है वो भारतीय जनता पार्टी ने किया है। पिछड़े और दलितों ने केंद्र और यूपी में बीजेपी को सरकार में बैठने का मौका दिया है, जिस दिन वो हट जाएंगे पता नहीं लगेगा की बीजेपी कहां पर है।
बिल के समर्थन में बसपा

बसपा सांसद रितेश पाण्डेय ने सदन में कहा कि मायावती और बहुजन समाज पार्टी ओबीसी वर्ग को अपना अभिन्न अंग मानती है और बीएसपी इन वर्गों के उत्थान के लिए जी जान से समर्पित है। इसी सोच के तहत, संविधान का 127वां संशोधन बिल जो राज्य सरकारों द्वारा ओबीसी के पहचान करने और इनकी सूची बनाने का अधिकार देती है – इस बिल का बीएसपी पुरज़ोर समर्थन करती है।
ओबीसी से नहीं, वोट से है मोहब्बत: ओवैसी

एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि “नरेंद्र मोदी की सरकार क्यों डर रही है। 50 फीसदी को पार करिए ना, जब प्यार किया तो डरना क्या ? तोड़ जाइए 50 फीसद को, आपकी मोहब्त ओबीसी से नहीं है आपकी मोहब्बत उनकी वोट से है।”

Hindi News / Lucknow / UP Assembly Elections: ओबीसी आरक्षण, सियासत में हावी हुई जात-पात

ट्रेंडिंग वीडियो