स्टील के फ्रेम पर बनेंगे मकान सूडा के निदेशक उमेश प्रताप सिंह के अनुसार, मकान की लागत इसीलिए बढ़ रही है क्योंकि ज्यादा कंपनियां इस पर काम नहीं कर रही हैं। जैसे-जैसे तकनीक प्रचलन में आ जाएगी, नई कंपनियां काम करना शुरू कर देंगी और उसके बाद निर्माण लागत काफी कम हो जाएगी। यह मकान पूरे स्टील के फ्रेम पर बनेंगे और मजबूती में कहीं से भी कमजोर नहीं होंगे। उन्होंने कहा इस टेक्नोलॉजी को पूरे प्रदेश में बढ़ावा दिया जा रहा है।
हर मकान पर 5.33 लाख रुपये का अनुदान 12 लाख 59 हजार में भारत सरकार साढ़े पांच लाख में अनुदान देगी। केंद्र सरकार टेक्निकल इनोवेशन ग्रांट (टीआईजी) के तहत चार लाख, जबकि राज्य सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक लाख और टीआईजी के तहत एक लाख 33 हजार रुपए देगी। इस तरह से हर मकान पर 5.33 लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। इसका फायदा आम आदमी के साथ-साथ कंपनियों को भी होगा। कंपनियां इस टेक्नोलॉजी को अपनाकर कम समय में ज्यादा मकान बना सकेंगी। वहीं लोगों को भी पहले की तुलना में बहुत कम समय में मकान मिलेंगे।
6 राज्यों को मिलेगा लाइट हाउस का लाभ देश में ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज इंडिया (जीएचटीसी इण्डिया) तकनीकी के तहत 14 राज्यों ने आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार में आवेदन किया था। इसमें छह राज्यों मध्य प्रदेश में इंदौर, गुजरात में राजकोट, तमिलनाडु में चेन्नई, झारखंड में रांची, त्रिपुरा में अगरतला और उत्तर प्रदेश में लखनऊ को लाईट हाउस प्रोजेक्ट के तहत आवास बनाने के लिए चुना गया है।