ये भी पढें- Electricity Bill: सिम की तरह ग्राहक बदल सकेंगे विद्युत कंपनी, सस्ती मिलेगी बिजली, कम आएगा बिल यूपी में लगता है इतना वैट- जानकारों का कहना है कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत कम भी हुई तब भी सरकारों ने ज्यादा टैक्स लगाया। वह इस अवसर को अपना राजस्व बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करते गए। पेट्रोल पर सेल्स टैक्स/वैट की यदि बात करें, तो पेट्रोलियम प्लालिंग एंड अनेलेसिस सेल (PPAC) के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 26.80 प्रतिशत या 18.74 रुपए (जो ज्यादा हो) टैक्स प्रति लीटर लगाया जाता है। वहीं राजस्थान में 36 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 33, दिल्ली में 30 प्रतिशत तो पंजाब में 25 प्रतिशत का वैट लगाया जा रहा है। इसी तरह डीजल पर भी सेल्स टैक्स/वैट वसूला जा रहा है। उत्तर प्रदेश में डीजल पर 17.48% या Rs 10.41 रुपए (जो ज्यादा हो) प्रति लीटर सेल्स टैक्स/वैट टैक्स लगाया जा रहा है।
वहीं केंद्र सरकार पेट्रोल पर 32.9 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर कस्टम और सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी लगाती है। पेट्रोल व डीजल की रीटेल प्राइस में क्रमशः लगभग 61 प्रतिशत व 56 प्रतिशत हिस्सा केंद्रीय व राज्य सरकार द्वारा लगाए गए टैक्स का होता है। इस हिसाब से लखनऊ में प्रीमीयम पेट्रोल (रीटेल प्राइस 90.41) पर यदि वो टैक्स हटा दें तो इसकी कीमत 35.25 रुपए प्रति लीटर रह जाएगी। ऐसे ही डीजल जो वर्तमान में लखनऊ में 79.72 रुपए प्रति लीटर में बिक रहा है, वह 56 प्रतिशत टैक्स के बिना 35.07 रुपए प्रति लीटर हो जाएगा। देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 36.47 रुपए प्रति लीटर हो जाए, यदि मौजूदा रेट (89 रुपए) में सेंट्रल टैक्स 32.98 रुपए व स्टेट टैक्स 19.55 रुपए प्रति लीटर हटा दें। इसके अतिरिक्त पेट्रोल के दाम में डीलर कमिशन भी शामिल होता है। दिल्ली में 2.6 रुपए प्रति लीटर डीलर कमिशन लिया जाता है।