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सपा से गठबंधन करने वाली इस बड़ी पार्टी की मान्यता हो सकती है खत्म, चुनाव आयोग ने उठाया कदम

लोकसभा चुनाव के बाद कई पार्टियों की मान्यता खतरे में पड़ गई है।

लखनऊAug 29, 2019 / 10:06 pm

Abhishek Gupta

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लखनऊ. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha) के बाद कई राजनीतिक पार्टियों की मान्यता खतरे में पड़ गई है। इनमें 6 राज्यों में 6 राज्य स्तरीय पार्टियों के नाम शामिल हैं, जिनकी मान्यता समाप्त हो सकती है। दरअसल इन सभी 6 पार्टियों ने राज्य स्तरीय पार्टी होने के लिए आवश्यक 5 शर्तों में से एक शर्त को भी पूरा नहीं किया है। इनमें लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन करने वाली अजीत सिंह की राष्ट्रीय लोक दल पार्टी का नाम भी शामिल हैं।
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यह पार्टी भी खतरे में-
इनके अलावा अम्बुमणि रामदास की पट्टाली मक्कल काची (PMK), पश्चिम बंगाल में रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP), आंध्र प्रदेश में तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS), मिजोरम की मिजोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (MPC) व उत्तर पूर्व की पीपुल्स डेमोक्रेटिक अलायंस (PDA) का राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा खतरे में है।
वहीं लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद चुनाव आयोग ने यह पाया है कि राष्ट्रीय पार्टी होने के लिए जो तीन शर्तें हैं उस पर टीएमसी (TMC), एनसीपी (NCP) और सीपीआई (CPI) खरी नहीं उतरती। इसके चलते आयोग ने तीनों पार्टियों को नोटिस भेजा था।
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चुनाव आयोग देगा मौका-

वहीं बताया जा रहा चुनाव आयोग सभी 6 राज्य स्तरीय पार्टियों को सुनवाई का आखिरी मौका देगी। इससे पहले चुनाव आयोग के नोटिस के जवाब में इन सभी पार्टियों ने आयोग से गुहार लगाई थी कि उनकी मान्यता रद्द न की जाए और अपनी लोकप्रियता साबित करने का अगले चुनाव तक मौका दिया जाए दिया जाए।
यह 5 शर्ते हैं जरूरी- राज्यस्तरीय दल के रूप में कोई दल तभी मान्यता प्राप्त कर सकता है यदि-

– वह दल राज्य की विधान सभा के आम चुनावों में उस राज्य से हुए कुल वैध मतों का 6% प्राप्त करता है तथा इसके अतिरिक्त उसने सम्बंधित राज्य में 2 सीटें जीती हों|
– वह दल राज्य की लोकसभा के लिए हुए आम चुनाव में उस राज्य से हुए कुल वैध मतों का 6% प्राप्त करता है तथा इसके अतिरिक्त उसने सम्बंधित राज्य में लोक सभा की कम से कम 1 सीत जीती हो|
– यदि उस दल ने राज्य की विधान सभा के कुल स्थानों का 3% या 3 सीटें, जो भी ज्यादा हो प्राप्त की हों | या

– यदि प्रत्येक 25 सीटों में से उस दल ने लोकसभा की कम से कम 1 सीट जीती हो या लोकसभा के चुनाव में उस सम्बंधित राज्य में उसे विभाजन से कम से कम इतनी सीटें प्राप्त की हों |
– यदि वह राज्य में लोक सभा के लिए हुए आम चुनाव में अथवा विधान सभा चुनाव में कुल वैध मतों का 8% प्राप्त कर लेता है | यह शर्त वर्ष 2011में जोड़ी गई थी |

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