बताया जा रहा है कि हारिस की गिरफ्तारी के बाद से उसके दून में लोकल संपर्क खंगाले जा रहे थे। सोमवार को एनआईए असम से हारिस को लेकर देहरादून पहुंची। हालांकि की एनआईए की टीम ने इस संबंध में स्थानीय पुलिस से कोई संपर्क नहीं साधा। बताया जा रहा है कि टीम ने हारिस के परिजनों और करीबियों से देहरादून में पूछताछ की। देर रात तक टीम देहरादून में ही मौजूद रही। हालांकि स्थानीय अधिकारियों की ओर से इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
बीते साल पश्चिम बंगाल में इस गैंग के दो आरोपी वाहन चोरी में पकड़े गए थे। उनके मोबाइल जांचने के बाद पुणे आधारित आतंकी मॉड्यूल का पता चला था। यह भी पता लगा कि पकड़े गए लोग हारिस फारूकी उर्फ हारिस अजमल के संपर्क में हैं। इसके बाद एनआईए, दिल्ली क्राइम ब्रांच और यूपी एटीएफ सक्रिय हुई थी। विभिन्न ठिकानों पर दबिश के बावजूद हारिस हाथ नहीं लगा था।
उस दौरान एनआईए ने उत्तराखंड इंटेलिजेंस और एसटीएफ से हारिस का इनपुट साझा किया था। तब भी एनआईए की टीम देहरादून आई थी। पूर्व में हारिस के पिता अजमल फारूकी को एसटीएफ कार्यालय बुलाकर एनआईए की मौजूदगी में पूछताछ की गई थी। लेकिन, हारिस के संपर्क का पता नहीं चला था। उसके पिता अजमल नगर निगम कॉप्लेक्स में यूनानी दवाखाना चला रहे हैं।