अखिलेश यादव ने बुधवार को संसद की नई बिल्डिंग पर लिखे एक श्लोक को ट्वीट करते हुए लिखा है, “भाजपाईयों द्वारा संसद के दिखावटी उद्धाटन से नहीं, बल्कि वहां पर लिखे ‘श्लोकों’ की मूल भावना को समझकर, सभी को सुनने व समझने का बराबर अवसर देना ही सच्ची संसदीय परंपरा है। जहाँ सत्ता का अभिमान हो परंतु विपक्ष का मान नहीं, वो सच्ची संसद हो ही नहीं सकती, उसके उद्धाटन में क्या जाना।”
19 राजनीतिक दल कर चुके बहिष्कार
सपा और लोकदल के अलावा देशभर के राजनीतिक दल नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का विरोध कर रहे हैं। अब तक 19 दलों ने 28 मई को दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का फैसला किया है। विपक्ष के राजनीतिक दलों का कहना है कि उद्घाटन पीएम नहीं बल्कि राष्ट्रपति के हाथों होना चाहिए।