डॉ. गौरव ने बताया कि किशोरावस्था (10-19) एक ऐसी अवस्था है, जिसमें लोग कुछ समस्याओं के प्रति संवेदनशील होते हैं | यह एक ऐसा समय भी होता है जब मनुष्य का महत्वपूर्ण व्यवहार एक आकार लेता है जिसका प्रभाव भविष्य में उसके स्वास्थ्य पर पड़ता है | किशोर- किशोरियों के मन में अपने शरीर में हो रहे बदलावों के प्रति अनेक सवाल उठते हैं | इन सवालों के जवाब जानने के लिए वह कई बार गलत कदम उठा लेते हैं | इस तरह की समस्याओं से निपटने के लिए व उनके मन में आने वाले प्रश्नों के जवाब देने के लिए जिला व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर किशोर स्वास्थ्य समन्वयक नियुक्त किए गये हैं जो कि किशोर-किशोरियों की समस्याओं का समाधान करते हुये उन्हें सलाह देते हैं |
डॉ गौरव ने बताया कि बक्शी का तालाब इंटर कॉलेज व कुमरावां इंटर कॉलेज, बक्शी का तालाब, जेएलएन इंटर कॉलेज बहरौली व राम पल त्रिवेदी इंटर कॉलेज, गोसाईंगंज, बाबू त्रिलोकी सिंह इंटर कॉलेज व जीजीआईसी इंटर कॉलेज, काकोरी, जीजीआईएसी व गांधी इंटर कॉलेज, मलिहाबाद, जीएचएस खंडसारा व उदा देवी इंटर कॉलेज, माल, जीआईसी जुग्गौर व राष्ट्रीय उद्योग इंटर कॉलेज, चिनहट, नवजीवन इंटर कॉलेज व काशीश्वर इंटर कॉलेज, मोहनलालगंज, जीआईसी रहीम नगर व सैनिक इंटर कॉलेज, सरोजिनी नगर व शहरी ब्लॉक में ए.पी. सेन इंटर कॉलेज जीजीआईसी इन्दिरा नगर में किशोर स्वास्थ्य मंच का आयोजन किया जाएगा |
क्या है राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम?
दुनिया में किशोरों की आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा 253 मिलियन भारत में है | स्वास्थ्य एवम परिवार कल्याण मंत्रालय ने भारत की आबादी के 21 प्रतिशत, को स्वास्थ्य और विकास की आवश्यकताओं को संबोधित करने के उद्देश्य से 7 जनवरी को राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरुआत की गयी |