वर्ष 1854 में सिविल सर्विस परीक्षाओं की हुई शुरुआत upsc.gov.in के अनुसार, अंग्रेजों ने भारत में सिविल सर्विस एग्जाम की शुरुआत साल 1854 में की थी। इसे संसद की सेलेक्ट कमेटी की लॉर्ड मैकाले की रिपोर्ट के बाद शुरू किया गया। इससे पहले सिविल सेवकों का नामांकन ईस्ट इंडिया कंपनी के निर्देशकों द्वारा किया जाता था, जिन्हें लंदन के हेलीबरी कॉलेज में ट्रेनिंग के बाद भारत भेजा जाता था। 1854 में सिविल सेवा आयोग की स्थापना के बाद 1855 में लंदन में प्रतियोगी परीक्षा शुरू की गई। इसके लिए न्यूनतम उम्र 18 साल और अधिकतम उम्र 23 साल थी, लेकिन उस भारतीय लोगों के लिए ये परीक्षाएं काफी कठिन थी।
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शिक्षा विभाग का गजब मजाक, आरटीई के तहत बना दी 9 हजार बच्चों की लिस्ट, प्रवेश के लिए भटक रहे बच्चे कौन थे भारत के पहले आईएएस अफसर? (First IAS)भारत के पहले आईएस कौन रहे होंगे ये प्रश्न सबके दिमाग में आता है। बता दें कि रवींद्रनाथ टैगोर के बड़े भाई सत्येंद्रनाथ टैगोर पहले भारतीय थे, जिन्होंने 1864 में सिविस सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की। सत्येंद्रनाथ टैगोर आईएएस अफसर बनने वाले पहले भारतीय है। सत्येंद्रनाथ टैगोर परीक्षा की तैयारी करने के लिए 1862 में भारत से इंग्लैंड के लिए रवाना हुए थे। उन्हें 1863 में सिविल सेवाओं के लिए चुना गया और 1864 में इंग्लैंड में अपनी ट्रेनिंग की अवधि पूरी करने के बाद भारत लौटे। वह आधिकारिक तौर पर भारत के पहले आईएएस अधिकारी थे। पहले उन्हें बॉम्बे प्रेसीडेंसी कुछ महीनों के बाद अहमदाबाद शहर में तैनात किया गया था।
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इंस्पेक्टर साहब को अब होटल नहीं सरकारी या किराये के घर पर रहना होगा आईएएस और आईपीएस में किसके पास अधिक पावरआईएएस और आईपीएस अधिकारियों की जिम्मेदारियां और शक्तियां बिल्कुल अलग होती हैं। आईएएस अधिकारियों को कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग व कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय नियंत्रित करती है। वहीं, दूसरी ओर केंद्रीय गृह मंत्रालय आईपीएस कैडर को नियंत्रित करती है। आईएएस अधिकारी का वेतन आईपीएस अधिकारी की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक होता है। इसके साथ ही, एक क्षेत्र में केवल एक आईएएस अधिकारी होता है जबकि एक क्षेत्र में आईपीएस अधिकारी की संख्या आवश्यकता के अनुसार होती है। आईएएस अधिकारी का पद वेतन और अधिकार यानि पॉलरफुल आईएएस अधिकारी होता है।
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अब यूपी में गर्मी से मिलेगी राहत, अगले 24 घंटों में बदलेगा मौसम, छींटे पड़ने की संभावना ये होती है सलैरी और सुविधाएं आईएएस अधिकारी को प्रति माह कुल 1 लाख रुपये से ज्यादा सैलरी मिलती है। लेकिन अगर कोई अधिकारी कैबिनेट सचिव के पद पर पहुंच जाता है तो उसको करीब 2.5 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता है। इसके अलावा आईएएस अधिकारियों के लिए अलग-अलग पे-बैंड हैं, जिनमें जूनियर स्केल, सीनियर स्केल, सुपर टाइम स्केल शामिल हैं। एक आईएएस अधिकारी को बेसिक सैलरी और ग्रेड पे के अलावा डियरनेस अलाउंस, हाउस रेंट अलाउंस, मेडिकल अलाउंस और कन्वेंस अलाउंस भी मिलता है।