scriptUP ने फिर पेश की मिसाल, न सड़कों पर पढ़ी गई नमाज, न हुई प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी | Muslims offer Eid prayers at Eidgah across country | Patrika News
लखनऊ

UP ने फिर पेश की मिसाल, न सड़कों पर पढ़ी गई नमाज, न हुई प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी

ईद-उल-अज़हा (बकरीद) के मौके पर उत्तर प्रदेश ने एक बार फिर देशभर में मिसाल पेश की है।30 हजार से अधिक स्थानों पर पढ़ी गई बकरीद की नमाज। 

लखनऊJun 18, 2024 / 08:05 am

Ritesh Singh

Bakrid

Bakrid

Bakrid 2024 : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आह्वान पर इस बार भी प्रदेश में कहीं भी यातायात बाधित कर सड़कों पर ईद की नमाज नहीं अदा की गई। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी सीएम की अपील का समर्थन किया था, नतीजतन, ईद की नमाज ईदगाह अथवा अन्य तयशुदा पारंपरिक स्थान पर ही हुई। कई क्षेत्रों में जहां मस्जिद और ईदगाह में जगह कम थी, वहां अलग-अलग शिफ्ट में लोगों ने नमाज पढ़ी। इससे पहले, प्रदेश में ईद-उल-फित्र की नमाज के समय भी ऐसी ही अभूतपूर्व स्थिति देखी गई थी, जब मुख्यमंत्री की अपील पर लोगों ने मस्जिदों में ही नमाज अदा की थी। वहीं प्रदेशभर में सुरक्षा को लेकर तगड़े इंतजाम किए गए थे। संवेदनशील इलाकों में ड्रोन के जरिए निगरानी की गई तो जमीन पर भारी पुलिस बल ने एक दिन पहले ही फ्लैगमार्च निकालकर लोगों में सुरक्षा का भरोसा जगाया था।
 Bakrid

सीएम योगी ने पहले ही दे दिए थे निर्देश

बकरीद को लेकर सीएम योगी ने पहले ही प्रदेश के सभी जिलों के अधिकारियों और प्रदेश स्तर के वरिष्ठ अफसरों को निर्देशित कर दिया था। उन्होंने कहा था कि थाना, सर्किल, जिला, रेंज, जोन और मंडल स्तर पर तैनात वरिष्ठ अधिकारीगण अपने-अपने क्षेत्र के धर्मगुरुओं, समाज के अन्य प्रतिष्ठित जनों के साथ संवाद बनाए रखें, जिससे जनता के बीच सकारात्मक संदेश जाए। पीस कमेटी की बैठक करते हुए मीडिया का भी सहयोग लिया जाए, ताकि शांति और सौहार्द का माहौल बना रहे। इसके अलावा बकरीद पर कुर्बानी के लिए स्थान का चिन्हांकन पहले से ही कर लिया जाए। सीएम योगी ने यह निर्देश भी पहले से ही दे रखे थे कि प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित होना चाहिए कि कहीं भी प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी न हो। हर जिले में कुर्बानी के उपरांत अपशिष्ट के निस्तारण की व्यवस्थित कार्य योजना होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री के प्रयास का दिखा सकारात्मक असर

सीएम योगी के निर्देश और प्रयासों का प्रदेश में सकारात्मक असर दिखा और कहीं भी सड़क पर नमाज नहीं हुई। अनुमान के मुताबिक इस वर्ष प्रदेश में 30 हजार से अधिक स्थानों पर नमाज अदा की गई, जिसमें तकरीबन तीन हजार स्थानों को चिन्हित कर सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए थे। प्रदेश में पहले हर शहर में लाखों लोग सड़कों व अन्य स्थानों पर नमाज पढ़ते थे, जिससे यातायात की समस्या उत्पन्न होती थी। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आह्वान का प्रतिफल है कि प्रदेश के हर जिले में शांतिपूर्ण ढंग से मस्जिदों/ईदगाहों में ही नमाज पढ़े जाने से देशभर में एक नया संदेश जा रहा है।
 Bakrid
यह भी पढ़ें

 Bakrid 2024: ईद-उल-जुहा पर डुम्बा बकरा बना सेलिब्रिटी, कीमत 3.2 लाख रुपये 

रविवार को गंगा दशहरा, सोमवार को ईद-उल-अज़हा और मंगलवार को ज्येष्ठ माह का बड़ा मंगल होने से प्रदेश पुलिस महकमा भी विशेष तौर पर अलर्ट मोड में दिखा। यही कारण रहा कि तमाम लोगों द्वारा जताई जा रही विवाद की आशंका भी निर्मूल साबित हुई। प्रदेश के सभी 75 जिलों से हर्ष और उल्लास के साथ त्योहार मनाए जाने की सूचना है।

अब शांति और सौहार्द है यूपी की नई परंपरा

सामाजिक सौहार्द और कानून-व्यवस्था को शीर्ष प्राथमिकता पर रखने वाले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कोशिशें रंग लाने लगी हैं। शांति और सौहार्द के साथ धार्मिक आयोजन होना यूपी में एक परंपरा बनती जा रही है। योगी राज में कानून व्यवस्था ने अन्य राज्यों के सामने नजीर पेश की है। बीते सात साल से प्रदेश में एक भी दंगा न होना और सभी बड़े पर्व और आयोजन सकुशल संपन्न होने से प्रदेश की छवि जहां कर्फ्यू मुक्त प्रदेश की बनी है वहीं देशभर के अन्य राज्यों के लिए भी कानून-व्यवस्था के मामले में यूपी रोल मॉडल साबित हुआ है। बीते रामनवमी पर भी देश के कई राज्यों से हिंसा और उत्पात की अनेक घटनाएं हुईं थीं, जबकि उत्तर प्रदेश में 800 से अधिक शोभायात्राएं निकलीं और विवाद की एक भी घटना नहीं हुई।

Hindi News / Lucknow / UP ने फिर पेश की मिसाल, न सड़कों पर पढ़ी गई नमाज, न हुई प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी

ट्रेंडिंग वीडियो