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लखनऊ

मुलायम की दर्द गाथा : साइकिल भी मेरी, पार्टी भी मेरी और आप भी मेरे

सपा परिवार में जारी घमासान के बीच उन्होंने पार्टी को तोडऩे वालों को चेतावनी भी दी।…

लखनऊJan 11, 2017 / 06:13 pm

Hariom Dwivedi

Samajwadi Party

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अनिल के. अकुंर
लखनऊ. सपा कार्यालय में बुधवार में हताश मुलायम सिंह यादव ने खुलकर इमोशन कार्ड खेला। मुलायम ने अपने कई रूप दिखाए। करीब दो बजे वे मीडिया के सामने आए। बेहद भावुक और उदास। उनकी बातों में पिता का पुत्र के लिए प्रति मोह छलक रहा था तो पार्टी बचाने की चिंता और मिन्नत। बोलते समय कई बार उनका गला रुंधा। वे सब बोल गए जो इतने दिनों से अपने अंदर भरे हुए थे। कुछ बातें जो वे नहीं बोल पाए उसे जनता से उगलवाया। चचेरे भाई राम गोपाल यादव पर उन्होंने खूब गुस्सा उतारा। बेटे अखिलेश को भी कार्यकर्ताओं के जरिए संदेश देने की कोशिश की। उन्होंने कहा यदि अखिलेश किसी जांच में फंसे हैं तो वे बचा लेंगे। वे बोले-पार्टी भी बचाएंगे और अपनों को भी। बोलते-बोलते भावुक हो उठे। बोले-साईकिल मेरी है। पार्टी मेरी है और आप भी मेरे हैं और हमेशा रहेंगे। हम पार्टी और सिंबल को हर कीमत में बचाएंगे। अभी दिल्ली जा रहा हूं। यह कह कर वे दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

अखिलेश कहीं फंस गया है तो मुझे बताता
सपा परिवार में जारी घमासान के बीच उन्होंने पार्टी को तोडऩे वालों को चेतावनी भी दी। कठोर दिखने वाले मुलायम बेटे के प्रति नरम दिखे। बेटे की तमाम कमियों को गिनाते हुए कहा अगर वह फंस गया था तो उसे मुझसे बात करनी चाहिए थी। हम बचाते। हम बचाएंगे उसे। कहा, अखिलेश ही अगले मुख्यमंत्री होंगे। 

ढाई साल का था अखिलेश जब किया संघर्ष
मुलायम सिंह पार्टी समर्थकों की सहानुभूति बंटोरने की भी कोशिश की। उन्होंने कहा इमरजेंसी में हमें बंद कर दिया गया। तब अखिलेश दो-ढाई साल का था। शिवपाल रात को गायब हो जाते थे। हम तो जेल में थे। हमने दो जगह से नामांकन भरे थे। दोनों नामांकन रद्द कर दिए गए। शिवपाल लगे रहे। हमें और हमारे कार्यकर्ताओं को पुलिस जहां चाहती वहां पीट देती। कई बार हमारे लोगों के हाथ पैर टूटे। ये संघर्ष इन्हें क्या मालूम।

बिना पूछे अखिलेश को बनाया सीएम
मुलायम ने यह कार्यकर्ताओं से यह सवाल किया क्या आप लोगों से पूछकर हमने अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाया था। अब इसे पता ही नहीं है कौन सगा है। अरे जो जांच में फंसे हैं वे अपने को बचाने के चक्कर में अखिलेश को तोड़ रहे हैं। हम उनको छोडेंग़े। वे बोले- हमारे दिन ही कितने बचे हैं। आप लोगों को ही देखना है। पर हम इसे टूटने नहीं देंगे। मैंने अखेलेश को सब कुछ दे दिया। मेरे पास क्या बचा। मेरे पास आप लोग बचे हैं।

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