मुख्तार का खौफ लाजमी है, क्योंकि योगी सरकार ने जब से प्रदेश में ऑप्रेशन नेस्तनाबूद चला रखा है, यूपी के बाहुबली, माफिया, गैंगस्टर और अपरपाधी खौफ में हैं। बिकरू कांड वाले विकास दुबे को दुस्साहस की कीमत एेसे चुकानी पड़ी कि सारा साम्राज्य मिट्टी में मिल गया और अंत भी हो गया। अतीक, मुख्तार, विजय मिश्रा, दिलीप मिश्रा, अशरफ समेत बड़े बड़े माफिया और बाहुबलियों जिनपर पहले सरकारें हाथ नहीं डालती थीं। वो आज जेल की सलाखों के पीछे हैं। धनंजय सिंह पर भी सरकार की नजरें टेढ़ी हैं।
पुलिस फाइल में मुख्तार अंसारी के गैंग का नाम IS191 दर्ज है। ऑपरेशन नेस्तनाबूद के तहत पुलिस ने मुख्तार के गैंग के सदस्यों उनकी एक्टिविटी और उनके आर्थिक साम्राज्य पर चोट करनी शुरू की तो गैंग की कमर टूटती चली गई। अनुमान लगाया जा रहा है कि मुख्तार का अभद्य किला ढह चुका है और अब सिर्फ जड़ें खोदनी बाकी हैं। मुख्तार अंसारी, उनके परिवार, करीबी, गैंग सदस्य व सहयोगियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाइयां की गई हैं और वो अब तक जारी हैं। कब्जे से सरकारी जमीन छुड़ाने, अवैध और मनमाने तरीके से बनाई गई सम्पत्ति ध्वस्त करना, गैंग के कारोबार पर अंकुश लगाने, शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर जमा कराने व जिला बदर जैसी कार्रवाइयां की गई हैं।
235 करोड़ की सम्पत्ति और आय पर चोट
मुख्तार के खिलाफ बड़ी कार्रवाइयां, लखनऊ, गाजीपुर और मऊ जिलों में हुई। लखनऊ में मुख्तार के बेटों के नाम पर करोड़ों की जमीन पर दो टावर गिराकर जमीन सरकारी कब्जे में ले ली गई।मऊ में पत्नी व उनके भाइयों के नाम की गोदाम की जमीन कुर्क कर कब्जे में ली गई। गाजीपुर में भी अनाज का गोदाम सील किया गया। गाजीपुर में मुख्तार अंसारी की पहचान बन चुके होटल गजल को ध्वस्त कर दिया गया। इसके अलावा मऊ में उनके करीबी कोयला माफिया उमेश सिंह के माॅल और कोल डिपो को कुर्क कर सील कर दिया गया। मछली कारोबार को एक तरह से खत्म करते हुए वाराणसी में करीबी मछली कारोबारी सलीम के साथ ही जौनपुर और मऊ के कारोबारियों को जेल भेजते हुए उनकी सम्पत्ति कुर्क की गई। मुख्तार के बेहद करीबी डाॅ. आजम का गंगा किनारे बना मेडिकल काॅलेज, अस्पताल, नर्सिंग इंस्टी्ट्यूट ध्वस्त कर दिया गया।गाजीपुर के गणेश दत्त मिश्रा का गाजीपुर में करोड़ाें की बहुमंजिला रिहाइशी इमारत गिरा दी गई। इस तरह की कार्रवाइ उनके कई करीबियों पर की गई। एक तरफ जहां मुख्तार की 192 करोड़ छह लाख 22 हजार रुपये की सम्पत्ति ध्वस्तीकरण और जब्त की गई तो वहीं करीब 41 करोड़ रुपये की सालाना अवैध इनकम भी बंद कराने का पुलिस का दावा है।
पूरे परिवार पर मुकदमा, गैंग पर नकेल
मुख्तार अंसारी के सिर्फ गैंग और आर्थिक साम्राज्य की ही कमर नहीं तोड़ी बल्कि परिवार पर भी मुकदमा हुआ। पहले से ही जेल में चल रहे मुख्तार अंसारी की पत्नी और बेटों पर गाजीपुर में गजल होटल बनाने के लिये जमीन में फर्जीवाड़ा और अनियमितता के लिये मुकदमा दर्ज किया गया। पत्नी और दोनों बेटों पर गैंग्स्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। हालांकि तीनों को फिलहाल कोर्ट से राहत मिली हुई है। मुख्तार गैंग के अब तक 36 गैंग मेेंबर गिरफ्तार किये जा चुके हैं। मुठभेड़ में एक शूटर मारा जा चुका है और तीन को गिरफ्तार किया जा चुका है। 1 अपराधियों के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। अल्तमश, अनीस, मोहर सिंह, जुल्फेकार कुरैशी, तारिक, मो. सलमान, आमिर हमजा, मो. तलहा, जावेद आरजू, मो. हाशिम, राशिद और अनुज कनौजिया समेत गिरोह के 12 अपराधियों को जिला बदर किया है। मछली के अवैध कारोबार में लिप्त 26 गुर्गे जेल भेजे गए हैं। पुलिस ने गिरोह के 96 गैंग मेंबर गिरफ्तार किये हैं और 75 अपराधियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है।
लाइसेंस निरस्त, शस्त्र जब्त
मुख्तार अंसारी परिवार और उनके करीबियों व गैंग पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उनके लाइसेंसी असलहों केा निरस्त कर उन्हें कब्जे में लेने की कार्रवाई भी की है। मुख्तार के परिवार समेत गैंग व करीबियों के अब तक कुल 72 लाइसेंस निरस्त हो चुके हैं। उनके सात सहयोगी ठेकेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर शस्त्र लाइसेंस निलंबित किये गए हैं।