यूपी आते ही बाहुबली के गुनाहों का हिसाब शुरू, योगी सरकार रद्द कराएगी विधानसभा सदस्यता
– 21 साल पुराने मामले में लखनऊ की विशेष अदालत ने मुख्तार अंसारी को किया तलब- मुख्तार अंसारी का हुआ कोरोना टेस्ट, रखा गया आइसोलेशन में- मुख्तार की रद्द हो सकती है सदस्यता
यूपी आते ही बाहुबली के गुनाहों का हिसाब शुरू, योगी सरकार रद्द कराएगी विधानसभा सदस्यता
पत्रिका न्यूज नेटवर्कलखनऊ. पूर्वांचल के डॉन और विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) का काफिला बुधवार सुबह करीब 4.30 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच बांदा जेल पहुंचा। मुख्तार अंसारी के उत्तर प्रदेश पहुंचते ही उस पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। 21 साल पुराने मामले में मुख्तार के लखनऊ जेल के जेलर और डिप्टी जेलर पर पथराव करने के आरोप में एमपी एमएलए कोर्ट ने 12 अप्रैल को तलब किया है। दरअसल तीन अप्रैल 2003 को थाना आलमबाग में मुख्तार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। आरोप है कि कुछ बंदियों को अदालत में सुनवाई के बाद वापस जेल लाया गया था। मुख्तार अंसारी के गुर्गों ने एक बंदी के साथ मारपीट की थी। बंदी को बचाने की कोशिश की तो उन्होंने जेल अधिकारियों से मारपीट की थी। साथ ही जानमाल और पथराव कर हमला किया था। इस मामले में 12 अप्रैल को मुख्तार अंसारी को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
मुख्तार के साथ ही यूसुफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित और लालजी यादव पर भी आरोप तय होने हैं। युसूफ चिश्ती और आलम फिलहाल जेल में बंद हैं, जबकि कल्लू पंडित और लालजी यादव जमानत पर बाहर हैं। मुख्तार की गैरमौजूदगी की वजह से ही इस मामले में अब तक आरोप तय नहीं हो पा रही थी। एमपी एमएलए कोर्ट के स्पेशल जज पीके राय ने मुख्तार अंसारी को पेश कराने के लिए यूपी पुलिस और रोपड़ जेल को भी निर्देश दिए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई थी।
मुख्तार अंसारी का हुआ कोरोना टेस्ट सुबह 4.30 बजे बांदा जेल पहुंचने के बाद 10 बजे मुख्तार अंसारी का कोरोना टेस्ट हुआ। मुख्तार को बैरक नं. 16 में रखा गया है और किसी को उससे मिलने की इजाजत नहीं है। पूरे बैरक को सीसीटीवी के जरिये मॉनिटर किया जा रहा है। मुख्तार अंसारी की हर एक गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
मुख्तार की रद्द हो सकती है सदस्यता मुख्तार अंसारी की विधानसभा सदस्यता खत्म करने की कार्रवाई जल्द ही शुरू हो सकती है। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने इस मामले में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मुख्तार अंसारी की विधानसभा सदस्यता खत्म करने को लेकर कानूनी कानूनी राय ली जाएगी। मुख्तार अंसारी की अगर सदस्यता खत्म होती है, तो यह यूपी के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। कानून के मुताबिक, अगर कोई विधानसभा सदस्य विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने से 60 दिन तक अनुपस्थित रहता है तो आर्टिकल 190 के तहत उसकी सदस्यता खत्म की जा सकती है। मुख्तार अंसारी पर प्रदेश में कुल 52 मुकदमे दर्ज हैं और 15 ट्रायल में हैं।