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शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही, 2.5 लाख किताबों से गायब हुआ राष्ट्रगान का उत्कल और बंग एक करोड़ 92 लाख बच्चों के हो चुके एडमिशन बात दें कि प्रदेश के 1.33 लाख प्राथमिक स्कूलों में अब तक करीब एक करोड़ 92 लाख बच्चों के एडमिशन हो चुके हैं। हालांकि अभी एडमिशन लेने वाले बच्चों की संख्या और बढ़ रही है। लेकिन स्कूल की तैयारियां अधूरी हैं। ज्ञात हो कि प्राथमिक विद्यालयों में 30 सितंबर तक प्रवेश दिया जाता है। बेसिक शिक्षा विभाग ने सात जून को सभी बच्चों के लिए 11 करोड़ 50 लाख किताबें छपवाने का 13 प्रकाशकों के साथ करार किया। इसमें तय हुआ था कि पांच सितंबर तक सभी जिलों में किताबें पहुंच जाएंगी। इसके लिए प्रकाशकों ने कुछ किताबों की आपूर्ति जुलाई माह के आखिरी तक कर दी लेकिन पांच सितंबर तक किसी भी जिले में शत.प्रतिशत आपूर्ति नहीं कर सके हैं।
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UP में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे शुरू, इन 12 बिंदुओं पर टीम करेगी जांच 13 में से 12 प्रकाशकों को दिया जा चुका है नोटिस आपको बता दें कि प्रदेश के अभी भी कई जिले ऐसे हैं, जहां किताबें अभी 50 प्रतिशत भी नहीं पहुंच सकी हैं। इनमें से अधिकतर जिलों में जिला मुख्यालयों या फिर विकासखंड मुख्यालयों पर ही किताबें जमा हैं, यही वजह है कि 13 में से 12 प्रकाशकों को नोटिस दिया जा चुका है और करीब छह जिलों को आपूर्ति में ढिलाई करने पर नोटिस भेजी गई है। वहीं पाठ्य पुस्तक अधिकारी श्याम किशोर तिवारी का कहना है कि अब तक आठ करोड़ 75 लाख किताबों की आपूर्ति हो गई है। इनमें मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, आगरा, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, उन्नाव व बांदा में करीब 95 प्रतिशत से ज्यादा की आपूर्ति हो चुकी है।