इन दिनों तेज हवा व आंधियों की आमद की संभावना के मद्देनजर आम के फूलों व नन्हें फलों की झड़न दर में वृद्धि हो सकती है। अब तक अधिकांश पेड़ों के फूल, फलों का रूप ले चुके हैं। कुछ सावधानियां बरत कर आम की फसल को कैश कराया जा सकता है। फतेहपुर और मलिहाबाद क्षेत्रों में आम की व्यापक फसल होती है। कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों का कहना है कि फूलों की जिस तरह से आमद हुई है, उसके मुताबिक उत्पादन काफी होगा। प्राकृतिक कारणों के अलावा फलों के पेड़ों से गिराव को रोकना होगा। साथ ही आंधी जैसी प्राकृतिक आपदा नहीं हुई तो प्रदेश में आम की फसल बेहतर होगी।
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यूपी में कोरोना से मौत, प्रधानमंत्री की बैठक में प्रदेश के लिए तय हुईं ये योजनाएं आमों के लिए से साल ऑन ईयर आम जैसी नकदी फसल को एकांतर फसल कहा जाता है। एक वर्ष अच्छा फूल यानी बौर आती है तो दूसरे वर्ष बहुत कम या बिल्कुल नहीं आती। जिस वर्ष फूल आते हैं उसे ऑन ईयर और जिस वर्ष फूल कम या नहीं आते उसे ऑफ ईयर कहा जाता है। इस बार की फसल जोरदार है।
आम की फसल में बरतनी चाहिए ये सावधानी फूल से फल बनने के दौरान नियमित सिंचाई आवश्यक मानी जाती है।। सिंचाई नालियों द्वारा थलहों में की जानी चाहिए। जिससे पेड़ को नमी मिल सके। आम को विभिन्न कीटनाशकों से बचाना चाहिए। कीटों पर विशेष नजर रखी जाए। फूलों के दौरान पेड़ों पर जानवरों व व्यक्तियों को नहीं चढ़ना चाहिए। इससे फूलों के झड़ने का खतरा होता है। फल झड़न की दर को नियंत्रित करने के उपाय करने चाहिए।
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नई नवेली दुल्हन ने उड़ा दिए सबके होश, आधी रात में कर बैठी ये कारनामा फलों में लग सकते हैं ये कीट कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि इस समय आम में मिज कीट लगने की संभावना होती है। कीटनाशक प्रबंधन द्वारा फल झड़न की दर में नियंत्रण किया जा सकता है। कीटनाशकों का छिड़काव व नमी बरकरार कर आम की पैदावार बेहतर की जा सकती है। यदि फल झड़ने या सूखने लगे तो विशेषज्ञों से सलाह लेनी चाहिए।