ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ सीएम ने लखनऊ भेजा 16 टन ऑक्सीजन का टैंकर, मेदांता अस्पताल में होगा इस्तेमाल यूपी के इन जिलों में लगेगा ऑक्सीजन संयत्र- उतर प्रदेश के जिन जिलो में आक्सीजन संयत्र को लगाने की मंजूरी दी गई है उनमें लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, अलीगढ, आजमगढ, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बरेली, बस्ती, बंदायू, बुलंदशहर, देवरिया, ईटावा, फैजाबाद, फरुखाबाद, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गौतमबुद्दनगर, गाजियाबाद, गाजीपुर, गोंडा, हरदोई, जालौन, जौनपुर, झांसी, कन्नौज, कानपुरनगर, लखीमपुरखीरी, ललितपुर, मथुरा, मेरठ, मिर्जापुर, मुरादाबाद, मुज्जफरनगर, पीलीभीत, प्रतापगढ, प्रयागराज, रायबरेली, रामपुर ,सहारनुपर, शाहजहांपुर, सीतापुर, सुल्तानपुर और उन्नाव शामल हैं। वहीं उतराखंड के भी कुछ जिलों में आक्सीजन संयंत्र लगाने को मंजूरी दी गयी है। अल्मोडा, देहरादून, नैनीताल,पौड़ी गढवाल, पिथौरागढ, उधम सिंह नगर और उतर काशी में यह स्थापित होंगे।
ये भी पढ़ें- प्रदेश में आक्सीजन की मांग व आपूर्ति की निगरानी के लिए विशेष नियंत्रण कक्ष सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली होगी और मजबूत- जिला मुख्यालयों के सरकारी अस्पतालों में पीएसए ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को और मजबूत करना है और यह सुनिश्चित करना है कि इनमें से प्रत्येक अस्पतालों में कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन की सुविधा बनी रहे। इस तरह से अपने स्तर पर ऑक्सीजन उत्पादन सुविधा से इन अस्पतालों और जिले की दिन-प्रतिदिन की मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरतें पूरी हो सकेंगी। इसके अलावा, तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन के ‘टॉप अप’ के रूप में काम करेगा। इस तरह की प्रणाली यह सुनिश्चित कर सकेगी कि जिले के सरकारी अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति में अचानक व्यवधान न उत्पन्न हो सके और कोरोना मरीजों व अन्य जरूरतमंद मरीजों के लिए निर्बाध रूप से पर्याप्त ऑक्सीजन मिल सके।