बैठक में मायावती गठबंधन के अपेक्षा परिणाम न मिलने और हार के नतीजों पर मंथन करेंगी। वे लोकसभा चुनाव में मिली सीटों और वोटिंग प्रतिशत की समीक्षा करेंगी। इसके अलावा बैठक में दिल्ली समेत कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर भी मंथन किया जाएगा, ताकि विधानसभा के परिणाम लोकसभा चुनावों जैसे न हों और बीएसपी के खाते में ज्यादा से ज्यादा हों। बसपा को लोकसभा चुनाव में 10 सीटें मिली हैं। उसका कुल वोटिंग प्रतिशत 19.26 रहा है। मायावती ने सीटवार ब्यौरा भी मांगा है। सू मायावती इस दौरान पदाधिकारियों के साथ गठबंधन के भविष्य की संभावनाओं पर भी बातचीत कर सकती हैं।
दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष को किया बाहर लोकसभा चुनाव परिणाम में गठबंधन की अपेक्षा बीएसपी की सीटें कम आईं। हालांकि पिछले चुनावों के मुकाबले यह संख्या बढ़ी है, लेकिन पार्टी इससे बहुत खुश नहीं है। कमजोर पर्फार्मेंस और चुनाव में खराब प्रदर्शन पर मायावती ने नाराज होकर यूपी में पार्टी के अध्यक्ष और आरएस कुशवाहा को उत्तराखंड के प्रभारी पद से हटा दिया। उनकी जगह एमएल तोमर को प्रभारी बनाया गया है। इसी तरह दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह को पद से हटाने और पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने के बाद उनकी जगह लक्ष्मण सिंह को दी गई है।