2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बसपा ने एक बार फिर से सोशल इंजीनियरिंग की रणनीति तैयार कर विरोधी दलों के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। BSP ने इसबार बड़ी संख्या में ब्राह्मण ,मुस्लिम और क्षत्रिय प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतार कर 2007 जैसी सोशल इंजीनियरिंग कर मजबूत दांव लगाया है।
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BSP ने कितने उम्मीदवारों के घोषित किए नाम ?बसपा ने अभी तक 36 उम्मीदवारों की सूची में 11 सवर्ण कैंडिडेट्स उतारे हैं। इसमें से 4 ब्राह्मणों को BSP ने टिकट दिया है। BSP के सूत्रों की मानें तो बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती को ऐसा लगता है कि बसपा के कैडर वोट बैंक के साथ-साथ अगर ब्राह्मण और क्षत्रिय वोट एकजुट हो जाए तो कुछ भी हो सकता है।
बसपा ने उन्नाव में अशोक पांडेय को कैंडिडेट बनाया है जहां दलित 24 फीसदी और ब्राह्मण 11 फीसदी माने जाते हैं। ऐसे में यदि BSP की रणनीति सफल हुई तो भाजपा को नुकसान हो सकता है। ऐसे ही अलीगढ़ लोकसभा सीट से बसपा ने हितेंद्र कुमार उर्फ बंटी उपाध्याय को टिकट दिया है जहां ब्राह्मण 15 फीसदी की तो दलित 20 फीसदी के आसपास माने जाते हैं। ऐसे में यदि दलित – ब्राह्मण समीकरण प्रभावी रहा तो भी बीजेपी के लिए दिक्कत खड़ी हो सकती है। वहीं मिर्जापुर सीट से बसपा ने मनीष त्रिपाठी को टिकट दिया है जहां दलित 22 फीसदी और ब्राह्मण 8 फीसदी के करीब हैं। ऐसे ही अकबरपुर सीट से राजेश कुमार द्विवेदी को उम्मीदवार बनाया है जहां 24 फीसदी दलित और ब्राह्मण 10 फीसदी माने जाते हैं। इन आंकड़ों से बीजेपी उम्मीदवारों की मेहनत बढ़ गई है।
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इन सीटों पर INDIA एलायंस को नुकसानBSP ने सहारनपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के इमरान मसूद के सामने माजिद अली को कैंडिडेट बनाया है। रामपुर में सपा के मोहिबुल्लाह नदवी के सामने जीशान खान को टिकट दिया है। संभल में जियाउर रहमान बर्क के सामने सौलत अली को प्रत्याशी है। बसपा के इन प्रत्याशियों ने INDIA एलायंस के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।