बता दें कि इससे पहले मायावती ने ने सूबे की घरेलू बिजली दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव के साथ-साथ ‘खराब कानून-व्यवस्था’ पर योगी सरकार को निशाने पर लिया था। मायावती ने कहा कि प्रदेश में अपराधों की बाढ़ से जनता में त्राहि-त्राहि मची है।
मायावती ने बिजली दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव ट्वीट करते हुए लिखा, ‘बिजली की दरों में भारी वृद्धि की तैयारी कर प्रदेश की त्रस्त जनता व गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले (बीपीएल) परिवारों को भी तेज झटका देने की सरकारी तैयारी घोर निंदनीय है. लोकसभा चुनाव के बाद क्या भाजपा सरकार इसी रूप में प्रदेश की 20 करोड़ जनता को आघात पहुंचाएगी? क्या यह वृद्धि ‘सौभाग्य’ को ‘दुर्भाग्य योजना’ में नहीं बदल देगी?’।
प्रतापगढ़ में हाथ-पैर काट दलित किसान को चारपाई में बांधकर जिंदा जलाया जानकारी हो कि प्रतापगढ़ के एक गांव के बाहर पंपिंगसेट पर सो रहे दलित किसान के हाथ-पैर काटने के बाद उसे चारपाई में बांधकर जिंदा फूंक दिया गया। उसका शव पूरी तरह जल गया था। खबर मिलते ही पुलिस भागकर मौके पर पहुंची।
ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि यूपी के प्रतापगढ़ में दलित किसान की जलाकर हत्या व डाक्टरों की कल हड़ताल के दौरान लोहिया अस्पताल में उत्पात वास्तव में हत्या व जूल्म-ज्यादती आदि की उस श्रृंखला की ताजा कड़ी है जो लोकसभा चुनाव के बाद दलितों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों पर हो रहे हैं। अति-दुःखद व निन्दनीय। सरकार ध्यान दें।
वहीं दूसरा ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि बंगाल सरकार झुकी व डाक्टरों की 1 दिन की आल इण्डिया हड़ताल कल शाम समाप्त हो गई, परन्तु इस दौरान दिल्ली व यूपी सहित देश भर में करोड़ों मरीजों का जो बुरा हाल हुआ व अनेकों मासूम जानें गई उन खबरों से आज के अखबार भरे पड़े हैं। लेकिन इन बेगुनाह जनता की परवाह सरकार व कोई और क्यों करे?