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लखनऊ

प्रदेश के हड़ताली लेखपालों के प्रति सरकार का रुख कड़ा, 100 से ज्यादा लेखपाल निलंबित, 300 से ज्यादा को सर्विस ब्रेक

– उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर 10 दिसंबर से आठ सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर
– अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे लेखपालों के खिलाफ प्रशासन ने दिखाई सख्ती
– 12 लेखपालों को किया निलंबित
– 82 को सेवा समाप्ति का नोटिस

लखनऊDec 24, 2019 / 01:49 pm

Karishma Lalwani

प्रदेश के हड़ताली लेखपालों के प्रति सरकार का रुख कड़ा, 100 से ज्यादा लेखपाल निलंबित, 300 से ज्यादा को सर्विस ब्रेक

प्रदेश के हड़ताली लेखपालों के प्रति सरकार का रुख कड़ा, 100 से ज्यादा लेखपाल निलंबित, 300 से ज्यादा को सर्विस ब्रेक

लखनऊ. उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर 10 दिसंबर से आठ सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। ऐसे में राजस्व विभाग से जुड़े सभी कामकाज ठप हो जाने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अपनी मांगों को लेकर जिद पर अड़े लेखपालों के खिलाफ प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए हर जिले बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी है। हड़ताल में शामिल 100 से अधिक लेखपालों पर निलंबन (Lekhpal Suspended) की कार्रवाई की जा चुकी है। वहीं 300 से अधिक को नोटिस जारी की गई है। सरकार की रोक के बाद भी लेखपाल लगातार हड़ताल कर रहे हैं। प्रदेश के अलग-अलग जिलों मेंं लेखपालों पर कार्रवाई की गई है।
महोबा

महोबा से 12 लेखपालों को निलंबित कर 82 को सेवा समाप्ति का नोटिस जारी किया गया है। डीएम अवधेश कुमार तिवारी ने बताया कि सरकार की मंशा के अनुरूप यह लेखपाल कार्य नही कर रहे थे। जिसके चलते दूर दराज के नगर गांवों ओर कस्बों से आने वालों की समस्याओं का समय से समाधान नहीं हो पा रहा। तमाम हिदायतें देने के बाद भी लेखपालों का धरना प्रदर्शन खत्म नहीं हुआ। इस कारण शासन के निर्देश पर सख्त कार्रवाई की गई।
रायबरेली

रायबरेली में 32 लेखपालों पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। पहले लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष राजपाल समेत सभी छह तहसील संघ के अध्यक्षों को निलंबित कर दिया गया। फिर उनके जिलाध्यक्ष और सलोन, डलमऊ, सदर, महराजगंज के तहसील संघ के अध्यक्ष बर्खास्त कर दिए गए। ऊंचाहार के एक लेखपाल शुक्रवार को निलंबित किए जा चुके हैं
गोंडा

गोंडा में अब तक 11 लेखपाल बर्खास्त किए जा चुके हैं, जबकि चार के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। वहीं 334 लेखपालों की सर्विस ब्रेक कर दी गई है।

मैनपुरी
मैनपुरी जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 5 नामदर्ज लेखपालों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की है। जबकि 100 अज्ञात लेखपालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह एफआईआर धारा 144 का उल्लंघन करने के मामले में की गई है।
सीतापुर

सीतापुर में एसडीएम सदर ने जिलाध्यक्ष सहित 4 लेखपालों को निलंबित किया है। सीतापुर लेखपाल संघ के जिला अध्यक्ष मोहम्मद इरशाद को निलंबित किया गया है।

हरदोई

हरदोई जिले में हड़ताली लेखपालों पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष, मंत्री, तहसील अध्यक्ष व मंत्री सहित 12 लेखपालों को निलंबित किया गया है। 394 लेखपालों को एस्मा के प्रावधानों के तहत नो वर्क नो पेय का नोटिस जारी किया है।
जौनपुर

जौनपुर जिला प्रशासन ने 14 लेखपालों को निलंबित किया है। धारा 144 लागू होने के बाद भी हड़ताल करने पर 340 लेखपालों को विभागीय नोटिस भेजा गया है। जबकि 663 लेखपालों के खिलाफ नो वर्क, नो पे के तहत कार्रवाई हुई है। धरने में 7 पदाधिकारियो के खिलाफ थाने में तहरीर दी गई है। लाइन बाजार थाने में कानूनगो सदर ने केस दर्ज के लिए तहरीर दी गई।
मेरठ

मेरठ में भी हड़ताल पर चल रहे लेखपालों पर गाज गिरी है। शासन के निर्देश पर डीएम अनिल ढींगरा ने कार्रवाई करते हुए सदर तहसील के लेखपाल विनोद कश्यप को बर्खास्त कर दिया है। जबकि सदर, सरधना और मवाना तहसीलों के 17 लेखपाल को निलंबित कर दिया। बाकी हड़ताली लेखपालों पर ब्रेक इन सर्विस के दायरे में लाया गया है।
कन्नौज

कन्नौज डीएम ने भी लेखपाल संघ के जिलाध्यक्ष समेत 22 लेखपालों को सस्पेंड कर दिया और जनपद के सभी लेखपालों की सर्विस ब्रेक करने की कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं।

लेखपालों की मांग
– लेखपालों की मांग है कि उन्हें कार्य के आधार पर ग्रेड पे दिया जाए।
– 16 साल की सेवा पर कुछ लेखपालों को 2800 ग्रेड पे और कुछ को 4200 ग्रेड पे की वेतन विसंगति है, इसे दूर किया जाए।
– पदनाम, राजस्व उपनिरीक्षक किया जाए।
– पेंशन विसंगति दूर की जाए।
– यही नहीं लेखपालों को 3.33 रुपये प्रतिदिन नियत यात्रा भत्ता की जगह वाहन भत्ता दिया जाए।
– 3.33 रुपये प्रतिदिन स्टेशनरी भत्ता में भी बढ़ोत्तरी की जाए।

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