scriptMango Farming: ऑस्ट्रेलिया, इज़राइल और भारत मिलकर बनाएंगे आम की उपज और गुणवत्ता सुधारने का रोडमैप | Mango Farming: Australia, Israel and India to come up with roadmap to improve mango yield and quality | Patrika News
लखनऊ

Mango Farming: ऑस्ट्रेलिया, इज़राइल और भारत मिलकर बनाएंगे आम की उपज और गुणवत्ता सुधारने का रोडमैप

Mango Farming: नेशनल डायलॉग ऑन मैंगो इंप्रूवमेंट एंड स्ट्रेटजिस में वैज्ञानिक तैयार करेंगे भविष्य की रणनीति। 

लखनऊSep 20, 2024 / 03:56 pm

Ritesh Singh

UP Farmers

UP Farmers

Mango Farming: भारत, ऑस्ट्रेलिया और इज़राइल के प्रसिद्ध वैज्ञानिक और बागवानी विशेषज्ञ शनिवार (21 सितंबर) को केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (संबद्ध, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान) में आयोजित होने वाली नेशनल डायलॉग ऑन मैंगो इंप्रूवमेंट एंड स्ट्रेटजिस संगोष्ठी में आम की उपज और गुणवत्ता सुधारने का रोडमैप तैयार करेंगे। इस संवाद का मुख्य उद्देश्य आधुनिक तकनीक और जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग कर आम उत्पादन को नई ऊंचाइयों तक ले जाना है। यह पहल आम उत्पादकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगी विशेषकर उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए जिन्हें इसका सबसे अधिक लाभ मिलने की संभावना है।
यह भी पढ़ें

Gold Prices: लखनऊ में पितृ पक्ष में भी नहीं घटे सोने के दाम: बढ़ते भाव ने बाजार को चौंकाया

 

उत्तर प्रदेश के बागवानों के लिए सुनहरा अवसर

यह संगोष्ठी पूरे देश, विशेषकर उत्तर भारत के आम उत्पादकों के लिए विशेष रूप से लाभकारी साबित होगी। उत्तर प्रदेश जो दशहरी और चौसा जैसी प्रसिद्ध आम की प्रजातियों का सबसे बड़ा उत्पादक है, इस पहल से व्यापक रूप से लाभान्वित होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आम की गुणवत्ता सुधार और निर्यात को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया है। राज्य सरकार द्वारा जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एक्सपोर्ट हब का निर्माण और मंडियों में कोल्ड स्टोरेज और रायपेनिंग चैंबर जैसी सुविधाएं भी तैयार की जा रही हैं। इससे किसानों के उत्पाद की गुणवत्ता बनी रहेगी और बाजार में उनकी मांग बढ़ेगी।
यह भी पढ़ें

Good News: अक्टूबर से UPSRTC में कंडक्टर और ड्राइवरों की भर्ती शुरू

क्लस्टर मॉडल से होगा बड़ा बदलाव

केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक टी. दामोदरन ने बताया कि संस्थान क्लस्टर मॉडल पर काम कर रहा है। इस दिशा में उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में कुछ क्लस्टर बनाए गए हैं, जिनसे लगभग 4000 बागवानों को जोड़ा गया है। उन्हें आधुनिक तकनीकों के बारे में जानकारी दी जा रही है, जैसे कि कैनोपी मैनेजमेंट के माध्यम से पुराने बागों का पुनरुद्धार करना। इसके परिणामस्वरूप आने वाले समय में इनकी उपज में वृद्धि होगी और फलों की गुणवत्ता भी सुधरेगी।
यह भी पढ़ें

Railway Job: सफाईकर्मी बन सकेंगे लिपिक और चेकिंग कर्मी, जानें क्या है आदेश

फ्रूट प्रोटेक्शन और वाटर रेजिस्टेंस तकनीक से उत्पादन में सुधार

संगोष्ठी के आयोजक सचिव आशीष यादव ने बताया कि संस्थान की फ्रूट प्रोटेक्शन और वाटर रेजिस्टेंस टेक्निक का किसानों से सकारात्मक प्रतिसाद मिला है। इस तकनीक में आम के फलों को कागज के बैग से ढक दिया जाता है, जिससे उन्हें कीड़ों और रोगों से सुरक्षा मिलती है। इससे न केवल फलों का रंग निखरता है बल्कि उनकी गुणवत्ता भी बढ़ती है, जिससे वे बाजार में बेहतर कीमत पर बिकते हैं। मात्र दो रुपए प्रति बैग की लागत से किसानों को दोगुनी कीमत मिल रही है।

स्थानीय रोजगार के अवसर

आम की उत्पादन प्रक्रियाओं में सुधार से न केवल आम उत्पादक बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। अब तक अधिकांश बैग कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से आते थे, लेकिन मेरठ जैसे शहरों से भी आपूर्ति शुरू हो गई है। इस तकनीक के बढ़ते चलन से जल्द ही उत्तर प्रदेश में बैग निर्माण की इकाइयां भी स्थापित की जाएंगी, जिससे स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
यह भी पढ़ें

TB Awareness: योगी सरकार की मुहिम: 125 टीबी मरीजों को गोद लेंगे अधिकारी 

संगोष्ठी में भाग लेंगे प्रतिष्ठित वैज्ञानिक

इस संगोष्ठी में कई जाने-माने वैज्ञानिक और विशेषज्ञ शामिल होंगे। इनमें ऑस्ट्रेलिया के डॉ. नटाली डिलन और डॉ. इयान एस.ई. बल्ली (क्वींसलैंड), इज़राइल के डॉ. युवल कोहेन (वोल्केनी इंस्टीट्यूट), और भारत के प्रमुख बागवानी वैज्ञानिक डॉ. वी.बी. पटेल शामिल हैं। इन विशेषज्ञों के विचार और अनुभव आम उत्पादकों के लिए मार्गदर्शक साबित होंगे और उन्हें उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार के नए तरीकों से अवगत कराएंगे।

आम के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण पहल

भारत, ऑस्ट्रेलिया और इज़राइल के वैज्ञानिकों का यह मिलाजुला प्रयास आम उत्पादन को आधुनिक तकनीक से जोड़कर वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा। किसानों को भी नवीनतम तकनीक से जोड़ा जाएगा, जिससे उनकी उपज और गुणवत्ता में सुधार होगा। इस पहल के तहत आम के निर्यात को भी नई दिशा मिल सकती है, जिससे देश के आर्थिक विकास में भी योगदान होगा।

Hindi News / Lucknow / Mango Farming: ऑस्ट्रेलिया, इज़राइल और भारत मिलकर बनाएंगे आम की उपज और गुणवत्ता सुधारने का रोडमैप

ट्रेंडिंग वीडियो