वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि पकड़ा गया बाघ नरभक्षी हो सकता है। हालांकि बाघ के सैंपल डब्लूआईआई देहरादून भेजकर ही इस बात की पुष्टि हो पाएगी। बताया जा रहा है कि एक ही क्षेत्र में तीन महिलाओं को निवाला बनाने वाला आदमखोर बाघ ही हो सकता है। इस प्रकार का हमला तेंदुआ नहीं करता है।
फॉरेस्ट रेंजर विजय मेलकानी के मुताबिक सोमवार रात 12 बजे जंगलियागांव में बाघ विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु पांगती, डॉ. दुष्यंत ने अपनी टीम के साथ क्षेत्र में घूम रहे नरक्षभी बाघ को ट्रैंकुलाइज किया है। उसके बाद बाघ को रेस्क्यू सेंटर भेज दिया गया था। टाइगर पकड़े जाने के बाद से आसपास के इलाकों के लोगों ने राहत की सांस ली है।